कलाकारों, लेखकों के लिए यह भयावह वक्त : नंदिता दास
कोलकाता, 25 जनवरी (आईएएनएस)| अभिनेत्री व फिल्म निर्माता नंदिता दास ने देश की वर्तमान स्थिति को ‘कलाकारों और लेखकों के लिए भयावह वक्त’ के रूप में वर्णित किया, क्योंकि फिल्मों और कलाओं में पहले कुछ भी किया जा सकता है, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उनका मानना है कि यह अधिक जिम्मेदार बनने का समय है। नंदिता ने बुधवार की देर शाम को टाटा स्टील कोलकाता लिटेररी फेस्टिवल में कहा, मुझे नहीं पता कि क्या मैं ‘फिराक’ (2008) कर सकती हूं या आज ‘फायर’ (1996) जैसी फिल्म में अभिनय कर सकती हूं और ये फिल्में अब बन सकती हैं। टीवी धारावाहिक ‘भारत एक खोज’ में ‘पद्मावती’ पर एक एपिसोड था, जिसे श्याम बेनेगल ने कई साल पहले बनाया था। उन चीजों को हम कर सकते थे और सहमत और असहमत होने के हमारे अपने तरीके थे।
उन्होंने कहा, यह कलाकारों, लेखकों के लिए मुश्किल वक्त है, लेकिन यह अधिक जिम्मेदार बनने का समय है और कुछ होने से पहले कम से कम खुद सेंसर होते हैं। दुर्भाग्य से वातावरण ऐसा है कि लोग डर से बाहर हो रहे हैं।
आगामी फिल्म ‘मंटो’ के बारे में नंदिता ने कहा कि वह सामग्री से प्रेरित थी और लोगों को लेखक के आकर्षक व्यक्तित्व की बारीकियों के बारे में बताना चाहता थीं।