श्रीलंका-चीन मिलकर बनाएंगे विद्युत संयंत्र
कोलंबो, 19 जनवरी (आईएएनएस)| श्रीलंका और चीन ने शुक्रवार को श्रीलंका में सबसे बड़ा विद्युत संयंत्र बनाने के लिए समझौता किया। देश के, दक्षिण क्षेत्र में प्रस्तावित यह संयंत्र राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड के लिए प्रतिवर्ष 70,000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन करेगा।
संवाद समिति सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग फुल डाइमेंशन पॉवर टेक्नोलॉजी कार्पोरेशन लिमिटेड (बीएफडीपीटीसीएल), नानजिंग टरबाइन एंड इलेक्ट्रिक मशीनरी ग्रुप कार्पोरेशन लिमिटेड तथा श्रीलंका की आईएमएस होल्डिंग्स के बीच यह समझौता हुआ है।
आईएमएस होल्डिंग्स के अध्यक्ष जिनावारा धर्मवर्धना ने कहा कि इस परियोजना में ग्लिरिसिडिया सेपियम पेड़ की लकड़ी से ईंधन बनाया जाएगा। सूखा प्रभावित जिले मोनेरगाला में इस पेड़ की लकड़ी की आपूर्ति करने वाले सैकड़ों किसानों को इससे लाभ होगा। विद्युत संयंत्र में सालाना 32 लाख डॉलर की लकड़ी का उपयोग किया जा सकता है।
विद्युत संयंत्र में टरबाइन चलाने के लिए ईधन के तौर पर सौर ऊर्जा की अपेक्षा ग्लिरिसिडिया सेपियम की लकड़ी चुनने का कारण स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि कम्पनी की प्राथमिकता सूखा प्रभावित क्षेत्र के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने की है।
बीएफडीपीटीसीएल के अध्यक्ष हू जिंगजोंग ने कहा कि यह परियोजना दो सहयोगी कम्पनियों ही नहीं दो देशों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
वृक्ष आधारित (डेन्ड्रो) विद्युत संयंत्र के सितंबर के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।