इंडस फूड एक्सपो 18 जनवरी से
नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)| भारत का लक्ष्य अगले पांच सालों में खाद्य वस्तुओं के निर्यात में दो गुणा बढ़ोतरी करना है, जिससे किसानों और खाद्य व कृषि क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों की आय दोगुनी करने में मदद मिल सके।
कृषि और खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वाणिज्य विभाग, भारत व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) के साथ मिलकर ‘इंडस फूड’ एक्सपो का आयोजन कर रहा है। वृहद अंतर्राष्ट्रीय फूड और बेवरेज व्यापार मेला ‘इंडस फूड’ का आयोजन ग्रेटर नोएडा में 18 जनवरी से हो रहा है, जो दो दिनों तक चलेगा। टीपीसीआई ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी और बताया कि इस व्यापार मेले में 12 राज्यों और विभागों के 400 से ज्यादा प्रदर्शक शामिल होंगे। इस मेले में 43 देशों के खरीदार भी भाग लेने आएंगे, जिससे भारतीय निर्यातकों को विदेशों के व्यापार मेलों में जाने की परेशानी उठाए बिना वैश्विक बाजार तक पहुंचने का मंच उपलब्ध होगा।
साल 2016 में देश का खाद्य बाजार 193 अरब डॉलर का था, जिसके साल 2020 तक बढ़कर 540 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है। देश का खाद्य निर्यात साल 2015 में 31 अरब डॉलर रहा था, जिसके अगले पांच सालों में बढ़कर दोगुना हो जाने की उम्मीद है। यह उद्योग सालाना 12 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने उम्मीद जताई कि इंडस फूड एक्सपो से ना सिर्फ निर्यातकों को लाभ होगा बल्कि किसानों तथा खाद्य कारोबारियों की भी वित्तीय स्थिति सुधरेगी।
टीपीसीआई के अध्यक्ष मोहित सिंगला ने बताया, इंडस फूड हमें वैश्विक फूड और बेवरेज बाजार की भारत में मेजबानी का मौका प्रदान करता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश के खाद्य और कृषि क्षेत्र में हो रही प्रगति को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का मौका देता है।
वर्तमान में वैश्विक फूड और ग्रॉसरी बाजार में भारत का स्थान छठा है। खाद्य पदार्थो के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी केवल 12 फीसदी है, जिसे सरकार 20 फीसदी तक बढ़ाने का प्रयास कर रही है। देश ने झींगे जैसी कुछ वस्तुओं के निर्यात में शानदार परिणाम हासिल किया है, जिसमें 2012-17 के दौरान 17 फीसदी भी बढ़ोतरी दर्ज की गई और हल्दी का निर्यात 12 फीसदी बढ़ा।