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पुस्तक मेला : बच्चे उठा रहे मनोरंजक गतिविधियों का लुत्फ

नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| पुस्तक मेले में (हॉल सं. 7 एफ के पास हैंगर) विशेष रूप से बच्चों के लिए बना रचनात्मक बाल मंडप प्रतिदिन कार्यक्रमों एवं गतिविधियों से गुलजार रहता है।

यहां दिनभर नाटक, प्रहसन, कठपुतली प्रदर्शन, कथावाचन, बाल साहित्यकारों से भेंट, नुक्कड़ नाटक एवं अनेक सृजनात्मक गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं जिनका विभिन्न विद्यालयों एवं स्वयंसेवी संगठनों से आए बच्चे भरपूर आनंद उठा रहे हैं। बच्चों के साथ आने वाले अभिभावक तथा अध्यापक भी स्वयं बच्चे बन इन कार्यक्रमांे का लुत्फ ले रहे हैं। बाल मंडप पर आकर बच्चों की कल्पनाओं को पंख लग जाते हैं और वे इन कल्पना रूपी पंखों से आकाश में उड़ान भर रहे हैं।

यहां आयोजित हो रहे विभिन्न कार्यक्रमों में बच्चे, अपने अनुभव और किस्से-कहानियां सुनाकर अत्यंत उत्साहित हैं, उनकी इस उत्सुकता को देख ऐसा प्रतीत होता है कि सर्दियों की छुट्टियों में बच्चों के लिए पुस्तक मेला एक रोमांचक स्थान साबित हो रहा है जहां आकर उन्हें आकर्षक पुस्तकों के साथ-साथ ज्ञानवर्धक गतिविधियों में भाग लेने के अवसर भी मिल रहे हैं।

आज इस मंच पर राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा ‘बाल साहित्यकारों से भेंट’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बच्चे लेखकों एवं कथावाचकों से मिले। इस अवसर पर लेखक, रमेश बिजलानी, अनूपा लाल, मोनिका अग्रवाल उपस्थित थे। जहां मोनिका अग्रवाल ने कुर्सी के नखरे तथा सलिल नामक कहानियां सुनाईं तथा वहीं अनूपा लाल ने ‘नो मिरेकल’ नामक कहानी के माध्यम से यह सीख दी कि हमें हर परिस्थिति में अपना दिमाग और आंखें खुली रखनी चाहिए। बिजलानी ने काव्या का फैसला कहानी सुनाई जिसमें उन्होंने सभी बच्चों को एक अच्छा इंसान बनने की शिक्षा दी।

मेले में बने थीम मंडप पर आज पटियाला से आए सुनील सजल एवं नेहा डोगरा के समूह ने पंजाबी गीत-गजलों से समां बांध दिया। कार्यक्रम की शुरुआत सबद पाठ से हुई। भक्ति भावना से ओत-प्रोत पंजाबी संगीत ने थीम मंडप में उपस्थित सभी श्रोताओं का मन मोह लिया।

आज इस मंच पर यूरोपीय संघ द्वारा क्लाइमेट डिप्लोमेसी विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई जिसमें प्रसिद्ध पर्यावरणविद् तथा महानिदेशक, सेंटर फॉर साईंस एंड एनवायरनमेंट, डॉ. सुनीता नारायण; निदेशक, इंटरनेशनल क्लाइमेट पॉलिसी, अडेल्फी, जर्मनी, डेनिस तेंजलर; सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के सीनियर फेलो, डॉ. नवरोज दुबाश तथा भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल में प्रथम काउंसलर-एनवायरनमेंट, एनर्जी, क्लाइमेट चेंज, हेनरिएट वक्ताओं के रूप में उपस्थित थीं। सत्र के दौरान पर्यावरण संरक्षण के नवीन उपायों पर चर्चा की गई। डॉ. सुनीता नारायण ने अपनी पुस्तक कॉन्फ्लिक्ट्स ऑफ इंट्रस्ट-माई जर्नी थ्रू ग्रीन मूवमेंट के बारे में बातचीत की।

यूरोपीय संघ मंडप पर 7-डेज चैलेंज शीर्शक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन टेरी यूनिवर्सिटी के सहयोग से स्वीडन दूतावास द्वारा किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य जीवनशैली के सही विकल्पों के चयन तथा उनके प्रभावों के प्रति जागरूकता लाना था। पैनल में स्वीडन दूतावास के काउंसलर, जोसा कर्ो और टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज की कन्सलटेंट, सुप्रिया गुलाटी शामिल थीं।

मेले के हॉल सं. 12, 12 ए में बने लेखक मंच पर आज सामयिक प्रकाशन द्वारा पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता सुपरिचित हिंदी लेखिका, चित्रा मुद्गल ने की। यहां आकांक्षा पारे काशिव की पुस्तक ख्वाहिशों के खांडव वन तथा योगिता यादव की पुस्तक बहत्तर धड़कने, तिहत्तर अरमान का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम का संचालन महेश भारद्वाज द्वारा किया गया।

इसी मंच पर आज विश्व हिंदी साहित्य परिशद द्वारा काव्य-पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रचनाकार, हरीश नवल तथा विशिष्ट अतिथि, व्यंग्यकार, गिरीश पंकज थे। काव्य-पाठ का संचालन, आशीश कंधवे द्वारा किया गया। आज साहित्य मंच पर प्रेम ज्ञान के दीप जलाएं, डीएनए नाटक तथा बचे रहेंगे रंग पुस्तकों का लोकार्पण हुआ।

ऑथर्स कॉर्नर पर ‘द स्टोरी’ पुस्तक के लेखक राकेश कुमार ने अपनी पुस्तक के बारे में बातचीत की और बताया कि विद्यार्थियों में शैक्षिक मूल्यों का विकास करने के लिए इस पुस्तक में डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम तथा मदर टेरेसा की प्रेरक कहानियां शामिल की गई हैं।

पुस्तक मेले में प्रतिदिन हंसध्वनि थिएटर में संगीत एवं नृत्य प्रस्तुति का आयोजन किया जा रहा है। आज इस सांस्कृतिक संध्या में भारत की प्रसिद्ध नृत्यांगना, सोनल मानसिंह एवं समूह द्वारा नृत्य प्रस्तुति आयोजित हुई जिसने दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का आयोजन सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांस द्वारा किया गया।

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