उप्र के हाईस्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें अगले सत्र से : मंत्री
लखनऊ, 8 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सोमवार को कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धात्मक दक्षता बनाए रखने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि अगले सत्र से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट में एनसीईआरटी की पुस्तकें ही चलाई जाएंगी। लखनऊ स्थित शास्त्री भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिनेश शर्मा ने हालांकि यह भी कहा कि अगले सत्र में हाईस्कूल में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं गणित की पुस्तकें चलेंगी, जबकि इंटरमीडिएट स्तर पर भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र एवं समाजशास्त्र की पुस्तकें लागू की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि अब लोगों को डुप्लीकेट अंकपत्र के लिए कार्यालयों की भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिससे लोग आसानी से ऑनलाइन ही डुप्लीकेट अंकपत्र निकाल सकेंगे।
शर्मा ने कहा कि आगामी सत्र में बोर्ड की परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए एसटीएफ की भी मदद ली जा सकती है। एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जिसकी मदद से लोग आसानी से ऑनलाइन ही डुप्लीकेट अंकपत्र निकाल सकेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी सत्र में बोर्ड की परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए एसटीएफ की भी मदद ली जा सकती है। इसके लिए परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। उत्तर पुस्तिकाओं की हेराफेरी रोकने के लिए 50 जिलों में क्रमांकित उत्तर पुस्तिकाएं दी जा रही हैं।
उपमुख्यमंत्री इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर प्रहार करने से भी नहीं चूके। शर्मा ने कहा, वर्ग और जाति विशेष को ध्यान में रखकर आरोप लगाने वाले आज हमारी सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। इन लोगों को यह समझ में आना चाहिए कि जनता उनको नकार चुकी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने हर वर्ग और हर समुदाय को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई हैं। इसका असर भी दिखाई दे रहा है। जनता लगातार योगी सरकार में विश्वास व्यक्त कर रही है। उपचुनावों में भी जनता योगी सरकार के काम पर मुहर लगा रही है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ये लोग जानबूझकर ईवीएम को मुद्दा बना रहे हैं। जब वे जीतते हैं तो ईवीएम मशीनें सही होती हैं, लेकिन जब हार जाते हैं तो उन्हें बैलट पेपर की याद आती है।
शर्मा ने कहा, ईवीएम पर सवाल खड़ा करने वालों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि जब लोकसभा का चुनाव हुआ था, तब हमारी सरकार नहीं थी। जब उप्र में विधानसभा चुनाव हुआ, तब भी यहां हमारी सरकार नहीं थी। फिर भी लोग बेवजह ईवीएम को मुद्दा बना रहे हैं। दरअसल, इन पर ईवीएम का भूत सवार हो गया है।
शर्मा ने कहा कि विपक्ष के सिर पर ईवीएम का भूत सवार है। ईवीएम पर अविश्वास व्यक्त करना लोकतंत्र का उपहास उड़ाने के समान है। विपक्ष मानसिक दिवालियेपन का शिकार हो चुका है।
दरअसल, अचल कुमार जोति को भारत निर्वाचन आयोग में पहले आयुक्त, फिर मुख्य आयुक्त बनाए जाने के बाद से ईवीएम को संदेह की नजर से देखा जाने लगा है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, उस समय जोति उनके मुख्य सचिव हुआ करते थे। हाल के गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से 20 शिकायतें आयोग में दर्ज कराई गई थीं, लेकिन एक पर भी कार्रवाई न होने से विपक्ष का संदेह और पुख्ता हुआ है।
योगी के नोएडा दौरे को लेकर शर्मा ने कहा कि लोग अंधविश्वास में विश्वास कर अपनी वापसी का रास्ता खोज रहे हैं लेकिन उन्हें बताना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी अंधविश्वास में नहीं, बल्कि अपने काम में विश्वास करते हैं।
शर्मा ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा, शायद पूर्व के मुख्यमंत्री पश्चिमी उप्र का सही विकास नहीं चाहते थे। वह इस जवाबदेही से बचने के लिए ही अंधविश्वास का ढोंग फैलाए हुए थे। लेकिन हमारे लिए जितना महत्वपूर्ण बुंदेलखंड और पूर्वाचल है, उतना ही महत्वपूर्ण पश्चिमी उप्र भी है।
गौरतलब कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान योगी के नोएडा दौरे को लेकर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि अच्छा हुआ कि मोदी और योगी एक साथ नोएडा गए। जल्द ही इसका असर दिखाई देना शुरू होगा।