पुस्तक मेले मे उमड़े एक लाख से ज्यादा पुस्तक प्रेमी
नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)| विश्व पुस्तक मेले के दूसरे दिन यानी रविवार को छुट्टी के दिन मेले में पुस्तक प्रेमियों की भारी भीड़ देखने को मिली।
प्रगति मैदान में हर तरफ सभी आयु-वर्गो के पाठक अपनी पसंदीदा पुस्तकें खरीदते और यहां आयोजित हो रही विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेते नजर आए। आज एक लाख से अधिक पुस्तक प्रेमी मेला देखने पहुंचे और हर तरफ लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिलीं।
थीम मंडप पर पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर आधारित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जैसे आज यहां पंजाब के प्रसिद्ध पर्यावरणविद्, संत बलवीर सिंह सीचेवाल तथा डॉ. इंद्रजीत कौर से डॉ. मनजीत सिंह और सरदार जसवंत सिंह ने ‘प्रदूषण से मुक्ति के लिए सीचेवाल मॉडल’ पर चर्चा की तथा इस विषय पर डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया।
इसी मंडप में दिल्ली गुरुकुल तथा निवास संस्कृत विद्यापीठ के छात्रों ने प्रकृति पर आधारित वैदिक मंत्रों का पाठ किया तथा शुद्ध जल, वायु और आकाश की कामना की। कार्यक्रम का संचालन ऑल इंडिया रेडियो में संस्कृत सामाचार वाचक बलदेवानंद सागर ने किया। मंत्रों का सार हिंदी में भी समझाया गया।
यूरोपीय संघ मंडप पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रमों की शुरुआत ‘भारत और स्लोवानिया के बीच सहयोग के अवसर’ विषय पर आयोजित पैनल-विमर्श से हुई। इस अवसर पर वक्ताओं के रूप में उपस्थित थे इवो स्वेतीना तथा इवाल्ड फ्लिसर, स्लोवेनिया से आए लेखक एवं प्रकाशक, युयुत्सु शर्मा, स्लोवेनिया बुक एजेंसी, निदेशक, रेनेटा ज़ेमिदा। यहां आयोजित चर्चा में स्लावेनिया के प्रकाशन तथा अनुवाद के बारे में चर्चा की गई।
सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ ट्रेडिशंस एंड सिस्टम्स ने मैथिली भोजपुरी अकादमी के सहयोग से मैथिली भाषा के साहित्य पर चर्चा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के दौरान उषा किरण खान की पुस्तक ‘निर्गुण’ का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में नचिकेता तथा स्वाति पॉल वक्ता थे जिन्होंने समकालीन मैथिली साहित्य और खान के मैथिली साहित्य में योगदान पर बात की।
मेले में अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिनमें शामिल हैं – साहित्य मंच पर अनिल प्रकाशन द्वारा पुस्तक लोकार्पण एवं चर्चा जिसमें विश्वम्भर श्रीवास्तव द्वारा रचित पुस्तक ‘आडवाणी के साथ 32 साल’ का लोकार्पण; लेखक मंच पर लोढा की पुस्तक ‘द इंडियन हीरोज’ पर परिचर्चा। लेखक मंच पर उद्भव संस्था ने राजीव जायसवाल की पुस्तक ‘मन वहीं खड़ा रहा’ का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। इसी मंच पर नील नारायण प्रकाशन द्वारा पठन संस्कृति पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई।
मेले में बच्चों के लिए बने रोमांचक बाल मंडप पर अनेक गतिविधियां एवं कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यहां बच्चों के लिए यूरोपीय संघ के कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें लेखक एवं कलाकार, पाल श्मिट द्वारा बच्चों को चित्रों के माध्यम से कहानी लिखने की कला सिखाई गई। यहां उपस्थित विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों से आए बच्चों ने अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से कागज पर उतारा।