खाद्य सुरक्षा के लिए एक मंच पर जुटे कृषि विशेषज्ञ
नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)| कृषि कारोबार को बेहतर करने, ग्रामीण आबादी, पलायन, कृषि बाजारों के भूमंडलीकरण को बदलने और आहार सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए आयोजित दो दिवसीय समारोह में कृषि जगत के नामचीन विशेषज्ञ एक मंच पर जुटे और चुनौतियों पर चर्चा की। दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन टेरी स्कूल ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, व्हिटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, दि साउथ एशिया सेंटर ऐट सायराक्यूज यूनिवर्सिटी (अमेरिका) और जरनल ऑफ एग्री बिजनेस इन डेवलपमिंग एंड इमजिर्ंग इकनोमीज (जेएडीईई) ने साथ मिलकर किया।
दुनिया के अग्रणी विशेषज्ञों को एक साथ लाने का मकसद इनक्लूसिव कृषि कारोबार में ऐसे स्थायी बदलाव हासिल करने के मौकों को बनाना और उन्हें निखारने में आने वाली चुनौतियों को पहचानना था ताकि ग्रामीण आबादी, पलायन, कृषि बाजारों के भूमंडलीकरण को बदला जा सके, जिससे आहार सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके।
सम्मेलन में भारत, बांग्लादेश, ब्रिटेन, नेपाल, नाईजीरिया, मैक्सिको, अमेरिका, यूगांडा, इंडोनेशिया, मलेशिया और ईरान से 230 लोगों ने हिस्सा लिया।
सम्मेलन का उद्धघाटन करते हुए डॉक्टर लीना श्रीवास्तव ने बताया, दुनिया जब अंतर्राट्रीय स्तर पर कुपोषण, जलवायु परिवर्तन और कृषि उत्पादकता, आहार सुरक्षा, संरक्षण और संसाधनों के उपयोग, स्थायी कृषि व्यवस्था और आजीविका का विकास आदि जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है ऐसे में कृषि कारोबार का विकास विकास के नए मौके खोलेगा जिससे भारत के ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था में दिखाई देने योग्य सुधार आएगा।
कृषि कारोबार में विपणन, वितरण और खुदरा बिक्री के बारे में बताते हुए विटमैन स्कूल के प्रोफेसर डॉ. एस. पी. राज ने कहा, कृषि कारोबार क्षेत्र की कंपनियों को उभरती कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के जरिए एसडीजी हासिल करने और कृषि कारोबार आपूर्ति श्रृंखला में स्थायित्व हासिल करने के लिए बड़ी भूमिका निभानी है और इसके लिए ऐसे कारोबारी मॉडल को अपनाना है जिसके जरिए वे एक स्थायी माहौल, लोगों की आजीविका आदि को मुनाफा कमाते हुए बढ़ावा दे सकें।