पटना पुस्तक मेला : अंतिम दिन अनुभूति व मुरारी पुरस्कृत
पटना, 11 दिसंबर (आईएएनएस)| पटना के नवनिर्मित सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर के ज्ञान भवन में 10 दिवसीय पटना पुस्तक मेले का सोमवार को समापन हो गया।
सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित पटना पुस्तक मेले के 24वें संस्करण के अंतिम दिन पुरस्कार और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि पटना के आयुक्त आनंद किशोर और शिक्षाविद डॉ़ पूर्णिमा शेखर सिंह द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को पुरस्कार और सम्माान देकर सम्मानित किया गया।
इस वर्ष ‘विद्यापति पुरस्कार’ नवोदित कवयित्री अनुभूति को दिया गया। 20 वर्षीय अनुभूति अपनी 16 वर्ष की आयु में 57 कविताओं को संकलित कर अपनी पहली पुस्तक ‘प्रेमराग’ प्रकाशित की। इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए उन्हें बिहार सरकार के राजभाषा विभाग द्वारा पांडुलिपि प्रकाशन योजना के तहत अनुदान राशि मिली थी।
इस वर्ष ‘यक्षिणी पुरस्कार’ पेंटिंग के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले कलाकार मुरारी झा को दिया गया। इसी तरह चर्चित ‘भिखारी ठाकुर’ पुरस्कार दूरदर्शन द्वारा निर्मित टेलीफिल्म ‘मृगतृष्णा’ और ‘प्रेम का प्रतिदान’ से अपनी पहचान बनाने वाले रंगमंच के कलाकार कुमार रविकांत को दिया गया।
इस साल का ‘सुरेंद्र प्रताप सिंह स्मृति पुरस्कार’ चारुस्मिता को दिया गया, जबकि ‘बिहार भारती सम्मान’ से डॉ़ अजीत प्रधान को सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष पुस्तक मेले के अंतिम दिन कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया जाता है।
लोगों को संबोधित करते हुए आनंद किशोर ने कहा कि पटना पुस्तक मेला का अपना एक इतिहास है और इसकी पहचान पूरे देश में है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग पुस्तक प्रेमी होते हैं तथा इस राज्य की परंपरा पढ़ने और पढ़ने की रही है।
वहीं पूर्णिमा शेखर सिंह ने कहा कि पटना पुस्तक मेले का कोई विकल्प नहीं हो सकता। उन्होंने इस मेले को सरकार द्वारा संरक्षण दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा आयोजन बिना संरक्षण के सफल नहीं हो सकता।
इस मौके पर पुस्तक मेला के संस्थापक नरेंद्र कुमार झा, सीआरडी के अध्यक्ष रत्नेश्वर, सचिव अमरेंद्र झा, संयोजक अमित झा सहित पुरस्कारों के निर्णायक मंडल के सदस्य उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि पटना पुस्तक मेले के 24वें संस्करण का विषय लड़कियों और महिलाओं को समर्पित रहा। इस मेले का विषय ‘लड़की को सामथ्र्य दो, दुनिया बदलेगी’ रखा गया था।
इस मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो दिसंबर को किया था। इस पुस्तक मेले में बिहार और देशभर के 112 प्रकाशकों ने हिस्सा लिया। मेले में 210 स्टॉल लगाए गए थे।