दिल्ली में एक शाम ओडिसी नृत्य के नाम
नई दिल्ली, 10 दिसम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीयता, क्षेत्र और स्तर की सीमाओं को तोड़ कला के सिद्धांतों का संदेश देती मनसा कला फ्रंटियर ने देश की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार शाम ओडिसी नृत्य प्रस्तुति के नाम रखी।
यह अपने आप में पहली निरंतर श्रृंखला है और निरंतर श्रृंखला में नियमित अंतराल पर प्रस्तुति दी जाती है। इस कार्यक्रम में ओडिसी नृत्य के लिए अलग से आधा घंटे की सीमा रखी गई थी।
प्रसिद्ध ओडिसी नृत्यांगना गुरु शेरोन लोवेन ने निरंतर के बारे में कहा, यह एक निरंतरता, प्रवाह, नित्यता, साधना है, जिसे शास्त्रीय कला रूपों के माध्यम से स्मरण किया जाता है।
शेरोन दिग्गज गुरु केलुचरण महापात्र के पांच सबसे अच्छे शागिर्दो में से एक हैं। महापात्र का मानना था कि शेरोन ओडिसी नृत्य का प्रतिनिधित्व कर सकती हैं।
कार्यक्रम में विभिन्न तरह के सांस्कृतिक नृत्यों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत पद्मपतरा मंगलाचरण से हुई, जिसमें विष्णु के अवतारों का स्मरण किया गया। विष्णु को ब्रह्मांड का संरक्षक कहा जाता है। इसके बाद बटु नृत्य की प्रस्तुति दी गई। यह एक अनूठी शुद्ध नृत्य रचना है, जो ओडिशा के शुरुआती तंत्रवाद को दर्शाती है। इस नृत्य में भैरव पूजा की जाती है, नृत्य में शिव को भैरव के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
इसके बाद बिलाहरी या तरंग पल्लवी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इस नृत्य कला को ओडिसी प्रस्तुति की सूची में ‘शुद्ध’ या अमूर्त नृत्य कहा जाता है। इसके अलावा ओडिसी नृत्य की कई शाखाओं को प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का समापन मोक्ष प्रस्तुति के साथ हुआ।
कार्यक्रम में अमिता राणा, अर्पिता बनर्जी, अरुणिमा घोष, इशानी बोस, मधुर गुप्ता आदि कलाकारों ने नृत्य की प्रस्तुति दी।
ओडिसी नृत्य प्रस्तुति का आयोजन आठ दिसंबर, 2017 को लोक कला मंच में किया गया था।