कर्नाटक के कृषि मंत्री ने की बाजरा को आहार बनाने की अपील
नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)| कर्नाटक के कृषि मंत्री कृष्ण बायरा गौड़ा ने बाजरे के अनेक गुण बताते हुए जन-जन से बतौर वैकल्पिक आहार बाजरा को अपनाने की अपील की है। उन्होंने यहां ‘इंटरनेशनल ट्रेड फेयर – ऑर्गेनिक्स एण्ड मिलेट्स-2018’ के वेबसाइट और लोगो का अनावरण करते हुए यह बातें कही। यह व्यापार मेला आगामी 19 से 21 जनवरी तक बेंगलुरू में आयोजित किया जाएगा। ‘बाजरा आंदोलन’ को देशव्यापी बनाने के मकसद से कर्नाटक के कृषि विभाग ने इससे पहले पूरे देश में कई रोड शो का आयोजन किया था।
हाल में संयुक्त राष्ट्र को भेजे गए एक प्रस्ताव में कर्नाटक के कृषि मंत्री कृष्ण बायरा गौड़ा और केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने 2018 को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ घोषित करने का आग्रह किया है।
गौड़ा ने कहा कि कर्नाटक ने देश के बाकी हिस्सों में पूरे जोर-शोर से बाजरा आंदोलन शुरू करने की ठान ली है और ‘इंटरनेशनल ट्रेड फेयर – ऑर्गेनिक्स एण्ड मिलेट्स-2018’ का लक्ष्य दुनिया के बाकी देशों को ‘जैविक और बाजरा’ का स्वस्थ संदेश देना है।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में प्रचलित अन्न बाजरा को चमत्कारी माना गया है पर धीरे-धीरे इसका हमारे खेतों और हमारे भोजन में मोटे तौर पर कोई अस्तित्व नहीं रह गया है। हालांकि अब दुबारा इसका प्रचलन बढ़ा है और इसका श्रेय कर्नाटक सरकार को जाता है। चेन्नई, हैदराबाद और कोचीन में क्रमश: 5 अक्तूबर, 24 अक्तूबर और 27 अक्तूबर को तीन रोड शो के माध्यम से बाजरे पर पूरे देश का ध्यान आकृष्ट किया गया। इसकी निरंतर खेती को लेकर विमर्श शुरू हुए हैं।
उनका कहना है कि बाजरे में गेंहूं और चावल से बेहतर पोषण है। एमीनो एसीड प्रोफाइल भी अधिक संतुलित है। क्रूड फाइबर और आयरन, जिंक और फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स के साथ यह पोषण सुरक्षा प्रदान करेगा और पोषण का अधूरापन भी दूर करेगा जो महिलाओं और बच्चों की बड़ी समस्या है। बाजरे जैसे सस्ते और पोषण से भरपूर अनाज से एनीमिया (आयरन की कमी), बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन की कमी, पेलेग्रा (नियासीन की कमी) की समस्या को दूर करना आसान होगा। इतना ही नहीं, बाजरा मोटापा, डायबीटीज और लाइफस्टाइल की अन्य बीमारियों से लड़ने में भी असरदार है क्योंकि इसमें ग्लुटेन नहीं है, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है और इसमें आहार के फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट अधिक हैं।
गौड़ा ने कहा, यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला किसानों, बाजार के भागीदारों और उपभोक्ताओं को एक मंच पर लाने का प्रयास है। कर्नाटक दुनिया को बाजरा और जैविक का संदेश देने वाला पहला राज्य है। हमें बाजरे के गुणों पर नए सिरे से विचार करना होगा। यह समझना होगा कि बाजरे को आहार का हिस्सा बनाने से आधुनिक युग की कई स्वास्थ्य समस्याओं का निदान होगा।