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ऑटोडेस्क का ‘इंडिया डिजाइन चैलेंज 2017’ शुरू

नई दिल्ली, 16 नवंबर (आईएएनएस)| 3डी डिजाइन टेक्नोलॉजी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी ऑटोडेस्क ने एनआईडी और मारुति सुजुकी के साथ मिलकर एक अनूठा प्लेटफॉर्म ‘इंडियन डिजाइन चैलेंज 2017’ पेश किया है, जो छात्रों को डिजाइन आधारित इनोवेशन करने के लिए प्रेरित करेगा।

कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि प्रतिभागी ऑटोडेस्क के प्रमुख क्लाउड पावर्ड डिजाइन सॉफ्टवेयर ‘फ्यूजन 360’ की खूबियों का इस्तेमाल कर बिलकुल अलग हटकर उद्योग के लिए डिजाइन सॉल्यूशंस की संकल्पना करेंगे और उन्हें विकसित भी करेंगे।

छात्रों को डिजाइन करने के लिए दो शीर्षक दिए गए हैं- पर्सनल मोबिलिटी सॉल्यूशन फॉर अर्बन यूथ- 2025 और डिजाइन ऑफ ग्रीन व्हीकल इन ईयर 2025। इस प्रतियोगिता में सभी डिजाइन स्कूलों में अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्स की फुलटाइम पढ़ाई कर रहे छात्र हिस्सा ले सकते हैं।

बयान में कहा गया कि डिजाइन कौशल को निखारने और सतत इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ऑटोडेस्क मारुति सुजुकी और एनआईडी के साथ मिलकर छात्रों के साथ मार्गदर्शक (मेंटर) व ज्यूरी के तौर पर करीब से काम करेगा। छात्रों को यह मार्गदर्शन चार सप्ताह की अवधि में 8-12 घंटे के लिए मिलेगा और इसमें एनआईडी व मारुति सुजुकी के विशेषज्ञों के साथ इंटरेक्टिव सत्र भी शामिल होंगे। यह छात्रों के लिए प्रतिष्ठित फैकल्टी सदस्यों से व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने और आधुनिक युग की डिजाइनिंग की बारीकियां सीखने का अनूठा अवसर है। विजेता टीम के चयन का मुख्य मानक होगा डिजाइन का उद्देश्य, इस्तेमाल की गई टेक्नोलॉजी (फ्यूजन 360), रचनात्मकता और डिजाइन, डिजाइन प्रक्रिया की सुगमता एवं संपूर्ण प्रजेंटेशन।

ऑटोडेस्क इंडिया एवं सार्क के प्रबंध निदेशक प्रदीप नायर ने कहा, ऑटोडेस्क में हमारा मानना है कि आज की चुनौतियों का समाधान भविष्य के डिजाइनर करेंगे। मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया जैसी पहलों के अनुरूप ही इंडिया डिजाइन चैलेंज क्लाउड का लाभ उठाकर इनोवेटिव सॉल्यूशंस के डिजाइन और विकास को प्रोत्साहित करता है। हमें मारुति सुजुकी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के साथ हाथ मिलाकर बेहद खुशी हो रही है। डिजाइन आधारित इनोवेशन पर इन दोनों दिग्गजों का नजरिया भी हमारे जैसा है।

मारुति सुजुकी में इंजीनियरिंग विभाग के कार्यकारी निदेशक सीवी रमन ने कहा, उद्योग के अकादमिक संस्थानों के साथ साझेदारी करना हमारे आरएंडडी अभिन्न हिस्सा है। इससे हमें युवाओं की अगली पीढ़ी के संपर्क में आने और हमारे उत्पादों में उनकी महत्वाकांक्षाओं को शामिल करने का अवसर मिलता है। आज ऑटोमोबाइल उद्योग आक्रामकता के साथ भारत में उद्योग 4.0 में मौजूद संभावनाएं पेश करने को आतुर है। इनोवेशन के लिए सही कौशल व सही सोच इसका अभिन्न हिस्सा है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के डायरेक्टर प्रद्युम्न व्यास ने कहा, लीक से हटकर सिद्धांत और इनोवेशन लाने के लिए उद्योग और शिक्षण संस्थानों के साथ सहयोग बेहद जरूरी है। ऑटोडेस्क की क्लाउड आधारित टेक्नोलॉजी इनोवेटिव सिद्धांतों को वास्तविकता में तब्दील करने में सशक्त बनाती है और नए आयाम भी खोलती है।

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