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सिमफेड ने कार्बनिक खाद्य उत्पाद उतारे

नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)| सिक्किम की सबसे बड़ी विपणन संघ सिक्किम स्टेट को-ऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन (सिमफेड) ने यहां कार्बनिक और प्राकृतिक खाद्य उत्पादों के एक विस्तृत रेंज को लांच किया। सिक्किम को वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का पहला जैविक राज्य घोषित किया था। सिमफेड ने इन कार्बनिक खाद्य उत्पादों को ‘क्यूसील एग्रीटेक’ नाम के एक कार्बनिक कृषि-आधारित संगठन के सहयोग से बुधवार को जारी किया है, जिसका कॉरपोरेट कार्यालय नई दिल्ली में है।

सिमफेड जैविक खेती के क्षेत्र में भारत के अग्रणी संगठनों में से एक है और इसने पिछले 10 वर्षो में देश के 10 राज्यों के करीब 35,000 हेक्टेयर कृषि भूमि पर 40,000 से भी अधिक किसानों के साथ कार्य किया है।

सिमफेड के कार्बनिक खाद्य उत्पादों को लांच करते हुए केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा, सिक्किम भारत का पहला जैविक राज्य है और सिमफेड जैसा संगठन देश के अन्य भागों के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है। सिमफेड एक सहकारी व्यवसाय मॉडल पर काम कर रहा है, जो इस क्षेत्र में एक समग्र सामाजिक और सामुदायिक विकास को सुनश्चित करेगा। यह किसानों, एमपीसीएस, सीसीएस और अन्य हितधारकों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

सिमफेड के जैविक खाद्य उत्पादों की श्रृंखला में अनपॉलिश्ड चावल, कार्बनिक पिसाई (आटा), अनपॉॅलिश्ड अनाज, अनपॉलिश्ड दालें और मसाले (साबूत और पाउडर) शामिल हैं। ये जल्दी ही बाजारों में 500 ग्राम और 1 किलो के पैकेटों में उतारे जाएंगे। साथ ही, जैविक अचार, जैम और बेकरी उत्पाद भी शीघ्र ही लांच किए जाएंगे।

सिक्किम के इन विशिष्ट उत्पादों में कार्बनिक बक गेहूं का आटा, डेल मिर्च (चेरी काली मिर्च), बड़ी इलायची, अदरक तथा हल्दी शामिल हैं। वहीं, आंध्र और ओडीशा के काजू, असम का किंग मिर्च, आंध्र के आम, पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनानास, असम का जोआ व ब्लैक राइस, छत्तीसगढ़ का कोडो, छत्तीसगढ़ का नींबू, गुजरात का आलू और असम का मैंडरिन नारंगी भी जल्द ही बाजार में उतारे जाएंगे।

निकट भविष्य में सिमफेड देश के विभिन्न क्षेत्रों के नाइजर, अदरक, हल्दी, काली मिर्च और आलू जैसे जैविक उत्पादों को निर्यात करने की भी योजना बना रहा है।

सिमफेड के प्रबंध निदेशक रोजर आर राय ने कहा, सिमफेड के अन्तर्गत हम उपभोक्ताओं और उत्पादकों अर्थात किसान दोनों के लाभ के लिए कार्य करते हैं। एक नैतिक और जिम्मेदार समिति होने के नाते हम सदा इस बात को लेकर सतर्क रहते हैं कि सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता संबंधी मानकों में से किसी के भी साथ समझौता या उसकी अनदेखी नहीं हो और सर्वोत्तम गुणवत्ता का कृषि उत्पाद आम जनता तक पहुंचे।

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