विनिर्माण विकास का प्रमुख चालक होना चाहिए : नीति आयोग सीईओ
नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)| देश को वर्तमान 7.5 फीसदी की विकास दर से कहीं उच्च विकास दर से बढ़ना है और यह विनिर्माण के बिना संभव नहीं होगा, जो कि विकास का प्रमुख चालक है।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने यहां बुधवार को यह बातें कही।
कांत ने यहां कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अपलाइंसेज मैनुफैक्चर्स एसोसिएसन (सीईएएमए) के 38वें सालाना आयोजन में कहा, हमें लंबे समय तक उच्च दर से विकास करने की चुनौती है, कम से कम तीन दशकों या उससे अधिक समय तक और यह बिना विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ाए हो नहीं सकता। यह अपलाइंसेज और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के बिना नहीं हो सकता।
कांत ने कहा, यह विकास का प्रमुख चालक बन गया है।
उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए अपलाइंसेज और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में विनिर्माण सही पारिस्थितिक तंत्र में किया जाना चाहिए।
कांत ने कहा, हम वैश्विक दुनिया में है, इसलिए सही पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत है और हम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना चाहते हैं. निर्यात बाजार महत्वपूर्ण है और आप आकार और पैमाने के बिना इसमें नहीं जा सकते, इसलिए उद्योग को आकार और पैमाने पर सोचना चाहिए।
‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर उन्होंने कहा कि सरकार का जोर देश में व्यापार को आसान और सरल बनाना है और इसके लिए ‘कई नियमों, प्रक्रियाओं और कागजी कार्रवाई को आसान बनाया गया है, जो सालों से चली आ रही थी।’
उन्होंने कहा, कई चीजें हो रही है। अगर आप ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को देखते हैं, जीएसटी, डिजिटल भुगतान जैसे संरचनात्मक बदलाव किए गए हैं। अभी कई और बदलाव किए जा रहे हैं जिसमें समय लगेगा, लेकिन हम सही दिशा में हैं।
इस वार्षिक समारोह में प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के साथ मिलकर ‘भारतीय उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स (एसीई) उद्योग में बदलाव’ पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी किया गया, जिसमें बताया गया कि इस उद्योग की वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर केवल 9 फीसदी होने की संभावना है, क्योंकि पुर्जो का पारिस्थितिकी तंत्र काफी सीमित है।
सीईएएमए के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने बताया, इस रिपोर्ट को जारी करने का लक्ष्य वर्तमान वातावरण में उद्योग के समक्ष आनेवाली चुनौतियों को सामने रखना है, तथा उद्योग को मदद के लिए किन नीतियों की जरूरत है, इसकी जानकारी देना है।
शर्मा ने कहा, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु उद्योग प्रत्येक प्रत्यक्ष रोजगार से साथ तीन अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करता है, इसलिए इसे और अधिक रोजगार उत्पन्न करने के लिए स्थानीय विनिर्माण ढांचे में सुधार के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।