‘भारतीय स्मार्टफोन बाजार में नम्बर-1 बनना है ऑनर का लक्ष्य’
चेंगडु (चीन), 6 नवंबर (आईएएनएस)| चीन की प्रौद्योगिकी दिग्गज हुआवेई की उप-ब्रांड ऑनर अपने अभिनव और रुझान पैदा करनेवाले उत्पादों की मद भारतीय स्मार्टफोन बाजार में शीर्ष पर काबिज होना चाहती है। कंपनी के वैश्विक अध्यक्ष जार्ज झाओ ने यह बातें कही।
उन्होंने बताया कि कंपनी की योजना ‘उच्च प्रतिस्पर्धी’ भारतीय बाजार में ‘कम कीमत पर’ फ्लैगशिप उत्पाद लांच करना है। इन उत्पादों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) समेत अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी शामिल होगी। साथ ही कंपनी का इरादा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जगह अपनी उपस्थिति बढ़ाना है।
झाओ ने कहा, हम ऑनर 7एक्स को दिसंबर में ऐसी कीमत पर बाजार में उतारेंगे, जिसका उस खंड में कोई प्रतिस्पर्धी नहीं होगा।
बेजल-विहीन ऑनर 7एक्स में ड्यूअल कैमरा प्रौद्योगिकी है और यह चीन के बाजार में पहले से ही बिक रही है। इसकी चीन में कीमत 1,299 यूआन है।
इस फोन में 4 जीबी रैम और 32 जीबी का इंटरनल स्टोरेज है तथा इसका डिस्प्ले 5.93 इंच का है।
झाओ ने आईएएनएस से कहा कि ऑनर अपने स्मार्टफोन में वर्तमान तिमाही से ही भारतीय बाजार के लिए एआई क्षमता को शामिल कर रही है।
दुनिया भर में ऑनर अब 73 देशों में उपलब्ध है और कंपनी विपणन पर अपने राजस्व का महज 3 फीसदी खर्च करती है।
ऑनर ने एआई क्षमता सबसे पहले अपने ऑनर मैजिक फोन में डाला था। हालांकि यह एप अभी तक सिर्फ चीन के लिए था, क्योंकि यह वहां की इंटरनेट पारिस्थितिकी तंत्र पर आधारित था। अब कंपनी ऑटोमेशन की सुविधा अन्य देशों के लोगों को भी मुहैया कराना चाहती है।
भारतीय ग्राहकों को इसके लिए अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
वर्तमान में भारतीय बाजार में चीनी कंपनियां छाई हुई है, जिसमें श्याओमी, वीवो, ओप्पो और ऑनर समेत अन्य कंपनियां है।
ऑनर को भारत में 2014 में लांच किया गया था और 2016 से कंपनी ने प्रमुख वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक निर्माता फ्लेक्स टेलीकॉम के साथ मिलकर चेन्नई के संयंत्र में इसका उत्पादन शुरू कर दिया।
झाओ ने कहा, ऑनर ने भारत में अपना उत्पादन हॉली सीरीज के साथ शुरू किया था। यह भारत सरकार के अनुरोध पर एसओएस फीचर को शामिल करनेवाला पहला ब्रांड था।
उन्होंने कहा, हमें भारत में ऑफलाइन चैनल को बढ़ाने की जरुरत है। ऑनर 7एक्स ऑफलाइन भी उपलब्ध होगा।
भारत हाल ही में अमेरिका को पीछे छोड़कर चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाजार बन गया है। और काउंटरप्वाइंट की रिपोर्ट के मुताबिक देश की केवल एक तिहाई आबादी ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल करीत है, इससे यह मोबाइल कंपनियों के लिए एक आकर्षक गंतव्य है।