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मानव संसाधन क्षेत्र की चुनौतियों के समाधान की पहल

गुरुग्राम, 4 नवंबर (आईएएनएस)| मौजूदा समय में देश में तेजी से बदल रहे अप्रत्याशित कारोबारी माहौल के कारण कंपनियों के समक्ष कई चुनौतियां एवं समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं और इन्ही मौजूदा चुनौतियों पर चर्चा करने के उद्देश्य से मानव संसाधन सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमडीआई) ने शनिवार को तीसरे एचआर कॉन्क्लेव का आयोजन किया, जिसमें ‘एचआर एजैलिटी : कॉन्क्वेरिंग द केओस’ विषय पर चर्चा सत्र रखा गया।

कनोलस्केप के संस्थापक सीईओ एवं सीपीओ, राजीव जयरामन ने कहा, वर्ष 2000 के बाद से ही फॉर्च्यून 500 में शामिल आधी से ज्यादा कंपनियां गायब हो चुकी हैं और इसका कारण डिजिटल है। हम डिजिटल ब्लर के युग में प्रवेश कर रहे हैं और आज हमें मानव संसाधन प्रबंधन में पुनर्निर्धारित रूपरेखा की जरूरत है।

सम्मेलन में ‘विलय और अधिग्रहण : सांस्कृतिक एकीकरण के कठिन कार्य का समाधान कैसे किया जाए’ विषय पर चर्चा सत्र में वक्ताओं ने कहा कि ‘साफ्ट’ पूंजी के बजाय वित्तीय कारणों को ध्यान में रखते हुए फैसले लिए जाते हैं और अक्सर इसी कारण से कोई सौदे बनते या बिगड़ते हैं।

सम्मेलन में ‘गिग इकोनॉमी’ और ‘लीडरशिप प्लानिंग’ पर भी चर्चा हुई, जिसमें कार्यकारी भूमिकाओं में मौजूदा उच्च स्तर परिणाम के कारण उत्पन्न नेतृत्व रिक्तता को रोके जाने के बारे में विचार-विमर्श हुआ।

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