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भारत रैनसमवेयर के उच्च जोखिम वाले शीर्ष 7 देशों में : सोफोस

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)| भारत उन शीर्ष 7 देशों में शामिल है, जहां रैनसमवेयर परिसंचरण का खतरा सबसे ज्यादा है। इस साल दुनिया भर में विंडोज, एंड्रायड, लिनक्स और मैकओएस सिस्टम पर साइबर हमलों में तेजी आई है। एक नई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।

वैश्विक नेटवर्क और एंड प्वाइंट सिक्यूरिटी के क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सोफोस की ‘सोफोसलैब्स 2018 मालवेयर फोरकास्ट’ के मुताबिक दो तरह के एंड्रायड हमले का खतरा बढ़ रहा है- बिना एनक्रिप्टिंग डेटा के फोन लॉक करना और डेटा के एनक्रिप्टिंग के दौरान फोन को लॉक करना।

सोफोसलैब्स के सुरक्षा शोधार्थी डोरका पालोटे ने शनिवार को एक बयान में कहा, रैनसमवेयर ज्यादातर विंडोज कंप्यूटर को निशाना बनाता है, लेकिन इस साल सोफोसलैब्स ने दुनियाभर के हमारे ग्राहकों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले अलग-अलग डिवाइसों और ऑपरेटिंग सिस्टम्स पर इनके हमले में बढ़ोतरी को देखा है।

वन्नाक्रिप्ट साल 2017 के मई में सामने आया था, जो दुनिया का सबसे बड़ा रैनसमवेयर था। इससे पहले साल 2016 की शुरुआत में सेरवेर नाम रैनसमवेयर आया जो उस समय का सबसे बड़ा रैनसमवेयर था, जिसे वन्नाक्रिप्ट ने पीछे छोड़ दिया।

सोफोसलैब्स द्वारा की गई ट्रैकिंग से पता चलता है कि रैनसमवेयर से प्रभावित डिवाइसों में 45.3 फीसदी वन्नाक्रिप्ट से तथा 44.2 फीसदी सेरवेर से प्रभावित थे।

एंड्रायड रैनसमवेयर साइबर अपराधियों को भी आकर्षित कर रहे हैं।

सोफोसलैब्स के विश्लेषण के मुताबिक, एंड्रायड डिवायस का इस्तेमाल करने वाले सोफोस के ग्राहकों पर साल 2017 में हर महीने साइबर हमलों की संख्या बढ़ती जा रही है।

शोधार्थी ने बताया, यह जानना महत्वपूर्ण है कि एंड्रायड रैनसमवेयर मुख्य तौर से गैर-गूगल प्ले मार्केट में पाए गए हैं। यह एक और कारण है कि यूजर्स बहुत सर्तक रहें कि वे कहां से और किस प्रकार का एप डाउनलोड कर रहे हैं।

सोफोस ने कंप्यूटर की तरह फोन्स का समय-समय पर बैकअप लेते रहने की सलाह दी है।

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