एनएनजी ने कई ऑटोमोटिव साइबर सुरक्षा समाधान उतारे
गुरुग्राम, 1 नवंबर (आईएएनएस)| ऑटोमोटिव सॉफ्टवेयर प्रदाता कंपनी एनएनजी ने अपने नवीनतम ऑटोमोटिव साइबर सिक्योरिटी समाधान को लांच किया, जो कारें व अन्य वाहनों के ईसीयू, नेविगेशन सिस्टम, इंफोटेनमेंट सिस्टम समेत अन्य प्रणालियों की हैकिंग से सुरक्षा करता है। कंपनी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में एरिलोउ का अधिग्रहण पूरा होने की भी घोषणा की।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि आजकल कारों में कनेक्टिविटी का बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है, जिसकी मदद से ड्राइवर कई तरह की सेवाओं और सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, कनेक्टिविटी बढ़ने से एक नए प्रकार का खतरा भी सामने आया है, अर्थात गलत इरादे से हैकिंग की कोशिश शुरू हो गई है, जिसके जरिए कार के सिस्टम में सेंध लगाई जाती है और उस पर पूरा नियंत्रण हासिल किया जाता है और यह काम किसी भी स्मार्टफोन के जरिए आसानी से किया जा सकता है।
बयान में कहा गया कि इसे देखते हुए एनएनजी ने एक ऐसे समाधान की आवश्यकता महसूस की, जो कार के इंफोटेनमेंट तथा नेविगेशन फीचर्स की हिफाजत और सुरक्षा में मदद कर सके। इसके लिए कंपनी ने भारतीय बाजार में कई ऑटोमेटिक साइबर सुरक्षा समाधान पेश किए हैं।
एनएजी के कंट्री प्रबंधक (इंडिया) प्रभाकर मिश्रा ने बताया, आज नेविगेशन और इंटरटेनमेंट उद्योग इस तरह विकसित हुआ है कि हर कुछ एक दूसरे से जुड़ गया है। इसके चलते गाड़ियों और यात्रियों, दोनों के लिए जोखिम की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं। अपने नवीनतम सेवा प्रस्तावों के साथ, हमने मौजूदा नेविगेशन समाधानों के एक हिस्से के रूप में यात्रियों की हिफाजत और सुरक्षा सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है।
कंपनी ने कहा कि किसी गाड़ी पर नियंत्रण हासिल करने के उद्देश्य से अनधिकृत कमांड भेजना हैकर्स द्वारा सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाला तरीका है, जिससे कार का सिस्टम गलती से अधिकृत इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ईसीयू) से आने वाला संदेश मान लेता है। जब कोई ईसीयू किसी दूसरे की तरह एक संदेश भेजता है, तो गलत इरादे से भेजे गए इन संदेशों को छांटना इस प्रकार के छद्म हमलों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
कंपनी के एरीलोउ की पैरलल इन्ट्रशन प्रिवेंशन सिस्टम (पीआईपीएस) समाधान ईसीयू के संदेशों का विश्लेषण करता है, बल्कि इसके स्रोत का भी पता लगाता है। यह वास्तविक समय में गलत इरादे से भेजे गए संदेशों को बेहद प्रभावी तरीके और सटीकता के साथ रोकने में सक्षम है।
कंपनी का दावा है कि इस प्रकार की तकनीक बाजार में पहली बार उतारी गई है, क्योंकि यह संचार के स्रोत का बिल्कुल सही ढंग से पता लगा सकता है, जिससे किसी भी तरह के छद्म हमले से बचा जा सकता है। पीआईपीएस इन स्थितियों की प्रभावी रूप से पहचान करने और इस प्रकार के प्रयासों को रोकने में सक्षम है।
बयान में कहा गया कि कई अन्य विशेषताओं के अलावा इस सॉफ्टवेयर में फायरवॉलिंग क्षमता, इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट ऑथेंटिकेशन, वास्तविक समय में पता लगाने और रिपोटिर्ंग की क्षमता, घुसपैठ का पता लगाने और रोकथाम प्रणाली शामिल है। एनएनजी का सॉल्यूशन किसी भी प्लेटफॉर्म पर काम कर सकता है।