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बांग्‍लादेश में रोहिंग्‍या शरणार्थियों  की आबादी कंट्रोल करने में कंडोम फेल, अब नसबंदी की योजना

नई दिल्ली। रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर बांग्लादेश सरकार बीते कई दिनों से खासी परेशान है। रोहिंग्याओं की घुसपैठ के अलावा उनकी  बढ़ती आबादी ने बांग्‍लादेश सरकार की नींद छीन ली है। अब बांग्लादेश ने खास योजना के तहत रोहिंग्या शरणार्थियों के नसबंदी कराने की योजना बनाई है।

जानकारी के मुताबिक रोहिंग्याओं की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए। इसमें कंडोम भी शरणार्थी कैंपों में बंटवाए गए। लेकिन यह तरीका कारगर नहीं रहा। अब सभी तरीकों के फेल होने के बाद वहां की सरकार ने नसबंदी कराने की योजना बनाई है।

बता दें कि म्यांमार में हिंसा के बाद करीब 6 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश में रह रहे हैं।

   म्यांमार से आए रोहिंग्या शरणार्थियों को बांग्लादेश में जगह तो मिल गई, लेकिन भविष्‍य में उनके खाने-पीने जैसी सुविधाओं की कमी हो सकती है। अधिकारियों को डर है कि अगर रोहिंग्या शरणार्थियों की जनसंख्या बढ़ती रही तो तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।

खास तौर से जहां ये रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं वहां के फैमिली प्लानिंग सर्विस से जुड़े अधिकारी पिंटू कांटी भट्टाचार्जी ने बताया कि रोहिंग्याओं में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरूकता की बेहद कमी है।

उन्होंने कहा कि रोहिंग्याओं के बीच शिक्षा का अभाव है, ऐसे में उनके बीच जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी जागरूकता की कमी है। भट्टाचार्जी ने बताया कि कैंपों में रोहिंग्या शरणार्थियों के बड़े परिवार का होना कोई नई बात नहीं है। कुछ रोहिंग्याओं के 19 से ज्यादा बच्चे हैं और कइयों की एक से ज्यादा पत्नी होना आम बात हैं।

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जिला परिवार नियोजन अधिकारियों ने बताया कि इन परिवारों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए गर्भनिरोधक बांटने की कवायद शुरू हुई थी। हालांकि शरणार्थियों के बीच महज 550 कंडोम के पैकेट ही बांटे जा सके हैं, जबकि ज्यादातर लोग इसके इस्तेमाल के लिए तैयार ही नहीं हैं।

भट्टाचार्जी ने बताया कि इसलिए उन्होंने सरकार से रोहिंग्या पुरषों और महिलाओं की नसबंदी का अभियान चलाने की इजाजत मांगी है, लेकिन माना जा रहा है कि इसे लेकर भी संघर्ष करना पड़ सकता है।

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