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तार और केबल्स पर उच्च दर से इलेक्ट्रिक उद्योग प्रभावित : ईमा

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)| इंडियन इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चर्स एसोसिएशन (ईमा) ने सरकार से इलेक्ट्रिक तार और केबल्स पर जीएसटी की दर को घटाने की गुजारिश की है। वर्तमान में इन पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया गया है।

संगठन ने कहा कि जीएसटी की 28 फीसदी दर के कारण ये उत्पाद महंगे हो गए हैं, जिससे घरेलू उद्योग प्रभावित हो रहा है। ईमा ने सरकार से कहा है कि जीएसटी से पहले इस उद्योग पर 14 फीसदी की दर से कर लगाया जाता था, इसलिए जीएसटी की दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जाना चाहिए।

संगठन ने एक बयान में कहा कि जीएसटी की 28 फीसदी दर के कारण ये उत्पाद महंगे हो गए हैं, जिससे घरेलू उद्योग प्रभावित हो रहा है और मुद्रास्फीति में वृद्धि हो रही है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक तारों और केबल्स के कच्चा माल पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया है, जिससे इनपुट कर और आउटपुट कर के बीच अंतर काफी अधिक हो गया है। इसके कारण उत्पादकों की कार्यशील पूंजी की जरूरत बढ़ गई है, जिससे उत्पादन की लागत बढ़ रही है।

ईमा के अध्यक्ष श्रीगोपाल काबरा ने बताया, सरकार का लक्ष्य सभी को चौबीसो घंटे बिजली देना और खासतौर से ग्रामीण इलाकों का विद्युतीकरण है। ऐसे में इलेक्ट्रिक उत्पादों पर करों में कटौती से इन उत्पादों का ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा।

ईमा के महानिदेशक सुनील मिश्रा ने बताया, बिजली को जीएसटी से बाहर रखा गया है। ऐसे में बिजली कंपनियां इलेक्ट्रिक उत्पादों पर इनपुट कर का दावा नहीं कर सकती है, जिससे अंतिम उत्पाद की लागत बढ़ जाती है।

ईमा वायर और केबल खंड के अध्यक्ष राकेश अमोल ने बताया, चाहे वह अवसंरचना, बिजली, भवन निर्माण, औद्योगिक और वाणिज्यिक परियोजना हो, इलेक्ट्रिक तारें और केबल पर हर परियोजना में लागत का 3-4 फीसदी खर्च होता है। यह सभी क्षेत्रों के लिए एक मूलभूत जरूरत है, इसलिए इस पर कर की दर लक्जरी सामानों वाली नहीं होनी चाहिए।

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