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भारत संग नैदानिक कर्मियों का आदान-प्रदान करेगा जापान

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत और जापान के बीच नैदानिक क्षेत्र की प्रौद्योगिकियों के बीच के अंतर को दूर करने के लिए जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय ने देश में एक कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत दोनों देशों के नैदानिक क्षेत्र से जुड़े कर्मचारी एक-दूसरे के देशों का दौरा करेंगे। इस कार्यक्रम का वित्तपोषण जापान के स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आनेवाला नेशनल सेंटर ऑफ ग्लोबल हेल्थ एंड मेडिसिन (एनसीजीएम) करेगा, जिसके द्वारा संचालित ‘द इंटरनेशनल प्रमोशन ऑफ जापान हेल्थकेयर टेक्नॉलजीज एंड सर्विसिस इन 2017’ के तहत यह कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम का नाम ‘भारत में अंतर्राष्ट्रीय निदान व्यवसाय का प्रयोग करने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण’ रखा गया है।

यहां आयोजित ‘इंडो-जापान सूचना एक्सचेंज-डायग्नॉस्टिक टेक्नोलॉजीज’ सम्मेलन के दौरान शनिवार को यह घोषणा की गई तथा इसमें निदान तकनीकों में भारत-जापान सहयोग पर चर्चा की गई। इस सम्मेलन का आयोजन जापान के उच्चायोग के समर्थन से कानोकी ट्रांसपोर्ट कंपनी लिमिटेड और जे-वीपीडी इंक द्वारा किया गया।

इस मौके पर जे-वीपीडी इंक के अध्यक्ष तत्तुजी यामादा ने जापानी निदान तकनीक के बारे में कहा, चिकित्सा और नैदानिक उद्योगों की भारत में तेजी से मांग बढ़ रही है। हालांकि, आनुवंशिक परीक्षण या क्रोमोसोम निरीक्षण के परिष्कृत क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों, जनशक्ति और सुविधाओं की कमी के कारण परीक्षण की सटीकता, गुणवत्ता, लागत और लगने वाला समय जैसे कई प्रमुख मुद्दे हैं, जिन पर काम किया जाना है।

यामादा ने आगे कहा, तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत साल 2017 के दिसंबर में लगभग 10 प्रशिक्षु भारतीय चिकित्सा संगठन हमसे जुड़े हुए होंगे। हम निदान प्रयोगशालाओं और चिकित्सा संगठनों का भी दौरा करेंगे।

इस सम्मेलन में जापान और भारत के लगभग 120 डॉक्टर और निदान विशेषज्ञ शामिल हुए तथा जानकारियों का आदान-प्रदान किया।

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