ट्रांजिशनल क्रेडिट दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तक बढ़ी
नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)| सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के अंतर्गत व्यापारियों के लिए ट्रांजिशनल क्रेडिट दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी है। वित्त मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, परिषद की अनुशंसा पर जीएसटी, नियम 2017 के अंतर्गत जीएसटी टीआरएएन-1 को दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी गई है।
टीआरएएन-1 के अंतर्गत व्यापारी पिछली टैक्स नीति के दौरान ट्रांजिशनल क्रेडिट को जमा करवा सकते हैं।
इससे पहले 18 सितंबर के आदेश के अनुसार टीआरएएन-1 को, वास्तविक टीआरएएन 28 सितंबर तक जमा करवाने की स्थिति में इसकी तिथि 31 अक्टूबर तक बढ़ाने के बारे में सूचित किया गया था।
एसकेपी बिजनेस कंसलटिंग के पार्टनर जिगर दोषी ने कहा, नए आदेश से यह साफ है कि टीआरएएन-1 जमा करवाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी गई है। इससे करदाता थोड़ी चैन की सांस लेंगे।
जीएसटी विशेषज्ञ प्रीतम माहुरा ने कहा, टीआरएएन-1 को भरने में काफी समय लगता है और अक्टूबर में दशहरा और दिवाली भी आने वाले हैं। ऐसे में करदाताओं को पहले से ही टीआरएएन-1 की तैयारी करनी चाहिए।
सरकार को व्यापारियों से अबतक 65,000 करोड़ रुपये ट्रांजिशनल क्रेडिट के रूप में मिले हैं।
टीआरएएन-1 के अंतर्गत इतनी बड़ी धनराशि जमा होने से सरकार और कर अधिकारियों ने देश के मुख्य आयुक्तों को एक करोड़ रुपये से ज्यादा के ट्रांजिशनल क्रेडिट की सत्यता का पता लगाने के आदेश दिए हैं।
ट्रांजिशनल क्रेडिट के रूप में इतनी बड़ी धनराशि जमा होने पर माहुरा ने कहा, पहला कारण, यह विनिर्माताओं और व्यापारियों से झूठ बोलने के कारण हो सकता है। दूसरा, कुछ मामलों में इनवर्ट ड्यूटी संरचना की वजह से कई करदाताओं के पास पर्याप्त उत्पाद शुल्क क्रेडिट बैलेंस के रूप में रहने से, इसे ट्रांजिशनल क्रेडिट के रूप में दावा किया गया। तीसरा, सरकार ने एक साल पुराने स्टॉक पर उत्पाद शुल्क क्रेडिट से छूट दी थी जो उस समय उन समानों पर उपलब्ध नहीं थे।
विशेषज्ञों ने व्यापारियों को सरकार की कार्रवाई से पहले ट्रांजिशनल क्रेडिट दाखिल करने के समय समीक्षा करने के लिए कहा है।