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देश बंटवारे पर आई गुलजार की नई किताब

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)| देश विभाजन के समय के किस्सों ने हमेशा से हर पीढ़ी को प्रभावित किया है और अब इसी विषय पर गुलजार की नई किताब ‘फुटप्रिंट्स ऑफ जीरो लाइन’ आई है, जिसमें 1947 के विभाजन की कई स्मृतियां फिर से ताजा होंगी।

प्रसिद्ध लेखिका, आलोचक और साहित्यिक इतिहासकार रक्षंदा जलील द्वारा अनूदित इस किताब को हार्परकोलिंस इंडिया ने भारत की आजादी के 70 साल पूरे होने के मौके पर प्रकाशित किया है।

इस किताब में विभाजन के दौर की कई काल्पनिक, अकाल्पनिक कथाओं और कविताओं की रचना की गई है।

यह किताब विभाजन के दौर पर आधारित अन्य कृतियों से इसलिए अलग है, क्योंकि इसमें गुलजार से न सिर्फ उस दौर में हुई घटनाओं का वर्णन किया है, बल्कि इन घटनाओं से आज तक प्रभावित हो रही जिंदगियों से भी रूबरू कराया है।

यह न केवल गुलजार की बेहतरीन रचना है, बल्कि यह वह सच्चाई है, जिसे भूल चुके लोग उसे फिर से दोहराना चाहते हैं।

गुलजार (संपूरण सिंह कालरा) का जन्म दीना में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। वह उर्दू और हिंदी के कवि हैं और उन्होंने कई कविताएं और कहानियों की रचना की है। मशहूर हैं हालांकि फिल्मी गीतों और फिल्म निर्माण के लिए।

गुलजार को साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्मभूषण से सम्मानित हैं। इसके अलावा वर्ष 2008 में उन्हें ‘स्लमडॉग मिलिनेयर’ के गीत ‘जय हो’ की रचना के लिए ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

गुलजार वर्ष 2014 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजे जा चुके हैं।

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