जद (यू) फिर राजग में शामिल, शरद को चेतावनी
पटना| बिहार में महागठबंधन तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बना लिए जाने के बाद पार्टी नेतृत्व से बगावती तेवर अपनाए पूर्व जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव ने जहां शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक के समानांतर ‘जनअदालत’ लगाकर पार्टी के नेतृत्व को चुनौती दी, वहीं पार्टी ने भी उन पर कार्रवाई करने का स्पष्ट संदेश सुना दिया।
पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने सीधे तौर पर शरद यादव को पार्टी तोड़ने की चुनौती भी दी। इस बीच जद (यू) अब एकबार फिर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गई।
पटना में शनिवार को हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जद (यू) के राजग में शामिल होने का एक प्रस्ताव पारित किया। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता क़े सी़ त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार के आवास पर जद (यू) कार्यकारिणी की बैठक हुई, जहां औपचारिक रूप से राजग में शामिल होने का फैसला किया गया।
उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार को सभी 15 राज्य इकाइयों, बिहार के 71 विधायकों, पार्टी के अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है। शरद यादव को कांग्रेस और भ्रष्ट राजद गुमराह कर रही है, वे ही समांतर बैठक के लिए उनकी मदद कर रही है।”
त्यागी ने कहा कि पार्टी विरोधी कायरे में शामिल होने के बावजूद इस बैठक में पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का निर्णय नहीं लिया गया है। पार्टी ने इसे नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा, “शरद पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, उनके साथ मिलकर हमलोगों ने वर्षो तक काम किया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाइयां लड़ी हैं।”
हालांकि उन्होंने शरद को चेतावनी भरे लहजे में कहा, “अगर 27 अगस्त को वे राजद की रैली में वर्तमान राजनीति के सबसे भ्रष्टाचारी माने जाने वाले लालू प्रसाद के साथ नजर आते हैं, तो वे लक्ष्मण रेखा पार कर जाएंगे। इसके बाद पार्टी कड़ी कार्रवाई करेगी।” पटना में आयोजित इस बैठक में जद (यू) के सभी आमंत्रित सदस्य शामिल हैं।
इस बीच पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी के किसी भी टूट की संभावना से इंकार करते हुए कहा कि कुछ लोग मीडिया में बने रहने के लिए ऐसा बोलते रहते हैं। उन्होंने कहा कि जद (यू) के लोग एकजुट हैं।
जद (यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद आयोजित खुला अधिवेशन को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री और पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कहा, “राजनीति तमाशा नहीं जनसेवा है। बिहार का जनादेश पिछलग्गू बनकर हर तरह के कुकर्मो का समर्थन करना नहीं था, बल्कि न्याय के साथ विकास का है।”
मुख्यमंत्री ने राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद और पार्टी से बागी बने शरद यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “बिहार में महागठबंधन को जनादेश भ्रष्टाचार या परिवारवाद का समर्थन करने के लिए नहीं मिला था। महागठबंधन में जो हालत पैदा हो गए थे, उसमें 20 महीने तक सरकार चला दिया यह बड़ी बात है।”
जद (यू) के टूट के किसी प्रकार की खबर को निराधार बताते हुए नीतीश ने कहा कि पार्टी में कहीं टूट नहीं है। सभी विधायक, विधानपार्षद राज्य समितियां साथ हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को चुनौती देते हुए कहा कि जिसे पार्टी तोड़ना है, तोड़कर दिखाएं।
उल्लेखनीय है कि 17 वर्षो के बाद जून, 2013 में जद (यू) और भाजपा अलग हो गए थे। इसके बाद फिर से नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) राजग में शामिल हो गई।
इस बीच एक ओर जहां मुख्यमंत्री आवास पर जद (यू) कार्यकारिणी की बैठक हो रही थी, वहीं जद (यू) से बागी हुए पूर्व अध्यक्ष शरद यादव पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हल में समानांतर बैठक कर शक्ति प्रदर्शन किया। ‘जनअदालत’ के नाम के इस कार्यक्रम में शरद के समर्थकों ने भाग लिया। इस बीच मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के सामने शरद समर्थकों ने हंगामा किया और मीडिया के लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया।
इस ‘जनअदालत’ में भाग ले रहे लोगों को संबोधित करते हुए शरद यादव ने कहा कि जिस घर को उन्होंने बनाया था, आज उसी घर को लोग कह रहे हैं कि यह घर उनका नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनको बेघर करने की कोशिश की जा रही है।
जद (यू) के पूर्व अध्यक्ष ने बिहार में महागटबंधन टूटने को जनादेश के साथ विश्वासघात की बात करते हुए कहा कि यहां गठबंधन की सफलता के बाद आगे गठबंधन की योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि जनता दल के आकार को बड़ा जनता दल बनाना था।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने भाजपा के विजयी रथ को रोकते महागठबंधन को पांच वर्षो के लिए जनादेश दिया था, परंतु इसे बीच में ही तोड़ दिया गया। जनादेश को धरोहर बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे छोड़ना सही नहीं है। यह जनादेश का अनादर है। इस बीच अब यह तय माना जा रहा है कि जद (यू) में दो गुट बन गए हैं और बस औपचारिक घोषणा बाकी है।