बच्चों के हुनर को न करें नजरअंदाज, रखें पूरा ख्याल
बच्चे हमेशा कुछ न कुछ नया करना चाहते हैं। किसी को पेंटिंग करना पसंद होता है, तो कोई गाना गाना पसंद करता है, किसी में अपनी बात को खूबसूरत शब्दों में ढालने का हुनर होता है, तो कोई घर की बिगड़ी चीज फटाफट ठीक कर देता है। लेकिन पेरेंट्स उन्हें उनकी पसंद का काम करने की छूट नहीं देते हैं, जिस वजह से धीरे-धीरे बच्चे की रचनात्मकता खत्म होने लगती है।
उनके अंदर काम को किसी भी तरह से निपटाने की प्रवृत्ति पैदा होने लगती है। लेकिन अगर आप अपने बच्चे को किसी भी काम को उसके हिसाब से करने की छूट देती हैं, तो बच्चे के अंदर न केवल आत्मविश्वास आता है, बल्कि वह अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल करके अपने काम को पूरी लगन से करता है। अगर आप अपने बच्चे को थोड़ी सी छूट देंगी, तो वह कुछ खास करने को प्रेरित होने के साथ-साथ पढ़ाई में भी अच्छा करेगा।
लालच न दें-
आमतौर पर पेरेंट्स की आदत होती है कि वे अपने बच्चे को इस बात का लालच देते हैं कि अगर तुम समय पर अपना होमवर्क खत्म कर लोगे या फिर अपनी हॉबी क्लास में अच्छे से सीखोगे, तो तुम्हें चॉकलेट दिलाएंगे या फिर तुम्हारा पसंदीदा खिलौना खरीद देंगे।
कभी-कभार के लिए तो यह ठीक है, लेकिन जब यह रोज की आदत बन जाए, तो ऐसे में बच्चे के लिए अपने काम को सही तरीके से कर पाना मुश्किल होता है। काम की बजाय उसका पूरा ध्यान काम खत्म होने पर मिलने वाली चीजों में ही लगा रह जाता है, जिसकी वजह से वो अपना काम निपटाने वाले अंदाज में करता है। बच्चे में पनपती यह आदत धीरे-धीरे उसकी रचनात्मकता को खत्म कर देती हैं।
ज्यादा बोझ ना डालें।
अपने बच्चे को परफेक्ट बनाने के चक्कर में बहुत सारी चीजें करने के लिए उस पर दबाव ना बनाएं। आपका बच्चा सारी चीजों में परफेक्ट हो जाए, इसकी अपेक्षा ना करें। यह जरूरी नहीं है कि आपका बच्चा पढ़ाई में अच्छा है, अच्छी ड्रॉईंग करता है, स्पोर्ट्स में अच्छा है, तो वो अच्छा गाना भी गाएगा और डांस भी कर लेगा। अपने बच्चे को उतना ही करने दें, जितना वो सहजता से कर पाए। बहुत सारे के चक्कर में वो कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाएगा।