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शालीग्राम की करें पूजा, भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी दोनों की बरसेगी कृपा

शालीग्राम को भगवान विष्णु के रूप में पूजा जाता है। विशेष रूप से यह काले रंग का चिकना पत्थर होता है जिसे भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। शालीग्राम के पत्थर नेपाल में बहने वाली गंडकी नदी में पाए जाते हैं। इस नदी को तुलसी का रूप भी माना जाता है।

पूजा करते समय यदि आप शालीग्राम के ऊपर तुलसी के पत्ते अर्पित करते हैं, तो भगवान विष्णु जल्द प्रसन्न होते हैं।

कहा जाता है कि घर में सिर्फ़ एक ही शालीग्राम होना चाहिए। वहीं इसे बिना नहाए कभी भी छूना नहीं चाहिए नहीं तो अपशकुन होता है। इसके पूजन के समय आपका मन साफ होना चाहिए। शालीग्राम पूजा में तुलसी का पत्ता भगवान शालीग्राम के ऊपर चढ़ाने से धन, वैभव मिलता है।

शालीग्राम, भगवान विष्णु, नेपाल में बहने वाली गंडकी नदी, तुलसी

इसकी पूजा के लिए हमेशा आपको घर साफ़ रखना चाहिए, साथ ही इसे विष्णु की प्रतिमा के पास रखना ज़्यादा फलदायी माना जाता है। जिस घर में शालीग्राम की रोज पूजा होती है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। शालीग्राम की पूजा करने से आपके सारे पाप धुल जाते हैं।

कहा जाता है कि शालीग्राम के प्रकार अलग-अलग फल देने वाले होते है। छत्राकर शालीग्राम नौकरी में अच्छा पद दिलाता है। वहीं वर्तुलाकार शालीग्राम धन संपत्ति दिलाता है।

वैसे ही फटा, शूल की नोक जैसा शालिग्राम दुख का कारण बनता है। इससे घर में दरिद्रता आती है।

 

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