अगर शिक्षकों ने नहीं पास की TET, तो हो सकता है ऐसा…
नई दिल्ली। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे लगभग 20 हजार शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना बेहद जरूरी हो गया है। शिक्षामित्रों के लिए टीईटी की अनिवार्यता पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद न्यूनतम अर्हता पूरी नहीं करने वाले शिक्षकों के लिए भी टीईटी करना जरूरी है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE ) गाइडलाइन के मुताबिक 23 अगस्त 2010 के बाद जो भी शिक्षक बगैर टीईटी भर्ती हुए हैं उनकी नियुक्ति गैरकानूनी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 30 अक्तूबर 2013 को एनसीटीई को पत्र लिखकर 23 अगस्त 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने को कहा था।
एनसीटीई ने 5 मार्च 2014 को भेजे अपने जवाब में लिखा था कि 23 अगस्त 2010 से 27 जुलाई 2011 के बीच नियुक्त शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य है। यूपी में 27 जुलाई 2011 को आरटीई लागू किया गया। NCTE ने शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता संबंधी मानक की अधिसूचना 23 अगस्त 2010 को जारी की थी।
उस समय से 27 जुलाई 2011 के बीच बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी करने वाले लगभग 20 हजार प्रशिक्षुओं की नियुक्ति सहायक अध्यापक पद पर बगैर टीईटी की गई थी।