कश्मीर की स्थिति संवेदनशील : नीतीश
पटना| मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को यहां कहा कि जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति बहुत संवेदनशील है। उन्होंने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) द्वारा आयोजित 12वीं के परीक्षा परिणाम को लेकर मचे घमासान के बीच पहली बार सफाई भी दी।
नीतीश ने खराब परीक्षा परिणाम के लिए सख्ती को कारण बताया। नीतीश ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में जम्मू एवं कश्मीर के विषय में कहा, “कश्मीर की स्थिति बहुत संवेदनशील है।
केन्द्र सरकार को सभी दलों को एकसाथ लेकर कार्रवाई करने हेतु पहल करनी चाहिए। कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी भारत का ही हिस्सा है,
यही हम सभी भारतीयों की सोच है।” उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि कश्मीर समस्या का समाधान केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है।
नीतीश ने 12वीं के खराब परीक्षा परिणाम पर कहा, “बिहार के लोग ही राज्य की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं। इस बार 12वीं के परिणाम इसलिए खराब हैं, क्योंकि नकल और चोरी रोकी गई है। परीक्षा में कोई धांधली नहीं हुई है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “शिक्षा में सुधार की कोशिश जारी है और काफी हद तक इसका असर भी दिखने लगा है। यह हमारे सामने एक चुनौती है, जिसे हमने स्वीकारा है।
किसी भी नियम-कानून बनाने के बाद यह दावा नहीं किया जा सकता है कि उसमें त्रुटि नहीं हो सकती है।” मुख्यमंत्री ने कहा, “कला संकाय में टॉप करने वाले गणेश कुमार का रिजल्ट निलंबित कर दिया गया है। साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच में पता चला है कि गणेश ने दूसरी बार परीक्षा दी थी, इसके बाद कार्रवाई की गई है।” उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन उसे इतना तूल नहीं दिया जाता।
नीतीश ने कहा कि तमिलनाडु में एक भर्ती परीक्षा में हरियाणा के लड़के टॉप कर गए थे, अब तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उसकी जांच कर रही है।
नीतीश ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले समाज में कई तरह तरह के लोग हैं।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 30 मई को जारी 12वीं परीक्षा के परिणाम में 64 प्रतिशत विद्यार्थी अनुत्तीर्ण घोषित किए गए हैं। इसके बाद छात्रों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच कला संकाय के टपर रहे गणेश की जन्मतिथि में फर्जीवाड़े को लेकर उसका परीक्षाफल निलंबित कर दिया गया है तथा उसे गिरफ्तार किया गया है।
गौरक्षकों से संबंधित एक प्रश्न पर नीतीश ने कहा कि बिहार में गाय की हत्या तब से प्रतिबंधित है, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नामक कोई पार्टी भी नहीं होती थी।
उन्होंने कहा, “2015 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया था, तब मैंने कानून की किताब खोल कर सामने रख दी थी।”
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के लोगों की मानसिकता गाय हत्या की नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार की सड़कों पर तो कम लेकिन उत्तर प्रदेश में सड़कों पर खुले घूमते पशु आपको ज्यादा दिखेंगे।
उन्होंने कहा, “गौरक्षकों को चाहिए कि वे लावारिस पशुओं का पालन-पोषण करें, जो दुर्घटना में या प्लास्टिक खा कर मर जाते हैं। अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनका कुछ भी कहना बेकार है। पशुओं के प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है।”
शराबबंदी के बाद अन्य मादक पदार्थो की खपत बढ़ने के संबंध मे पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य मादक पदाथरें के सेवन में बढ़ोतरी कोई आश्चर्य की बात नहीं है। इस पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है।