बंजर भूमि पर हरियाली फैलाकर किसान हो रहे मालामाल
जशपुर/पत्थलगांव । छत्तीसगढ़ के जशपुर में स्थित पत्थलगांव में किसान बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने में जुटे हैं। इसके लिए क्षेत्रीय किसान बंजर जमीन में हरियाली लाने के लिए विभिन्न प्रजाति के आम के पौधे रोप कर वहां से प्रतिवर्ष लाखों रुपयों की आय प्राप्त कर रहे हैं। इन किसानों की सुदृढ़ स्थिति से प्रभावित होकर अन्य किसानों का भी अपनी बंजर और अनुपयोगी जमीन को हरा भरा करने में रुझान बढ़ा है।
यहां उद्यान विभाग की राष्ट्रीय बागवानी योजना के तहत सबसे पहले मिजारपुर के किसान अकलू यादव ने अपनी पांच एकड़ की बंजर भूमि पर लगभग 200 आम तथा अमरूद के पौधे लगाए। इस बगीचे को घेर कर यहां महज चार साल के बाद ही इसे बेहतर उद्यान में बदल दिया गया है। अब इस उद्यान में दो दर्जन से अधिक प्रजाति के मीठे और रसीले आम की बिक्री करके किसान अकलू राम को सालाना डेढ़ से दो लाख रुपयों की आय हो रही है।
अकलू राम द्वारा अपनी बंजर तथा अनुपयोगी भूमि में हरियाली फैलाकर उसे अपनी आय का अच्छा जरिया बना लेने से प्रेरित सेवानिवृत शोभन गुरुजी ने भी आम का शानदार बगीचा तैयार किया है। मिजारपुर गांव में अकलू राम के साथ शोभन गुरुजी भी पिछले तीन साल से आम की पैदावार से लाखों रुपयों की आमदनी ले रहे हैं। यहां पर अकलू राम की सफलता ने आस-पास के अन्य किसानों को भी फलोद्यान के प्रति आकर्षित किया है।
मिजारपुर के समीप ग्राम खारडोढ़ी में जोकिम उरांव ने भी उद्यान विभाग से राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत अपनी 5 एकड़ बंजर भूमि पर आम का ही बगीचा तैयार किया है। इसी तरह ग्राम जामजुनवानी में भी सेवानिवृत्त शिक्षक मोहरा राम और निकोलस उरांव ने भी आम, लीची, अमरूद तथा अन्य फलों की पैदावार करके दूसरे किसानों के लिए सफलता का उदाहरण बन गए हैं।
मिजारपुर का किसान अकलू राम का कहना है कि उन्होंने अपने उद्यान का लगातार विस्तार करके अब लगभग 10 एकड़ बंजर भूमि को हरा-भरा बना दिया है। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से उसकी पथरीली भूमि में पर्याप्त मात्रा में पानी का स्त्रोत भी मिल गया है। इससे उसे बंजर भूमि को हरा भरा करने में काफी मदद मिली है।
अकलू राम ने कहा कि उसने आस-पास के पत्थरों को बरसात का पानी रोकने का उपयोग किया है। पत्थर और मिट्टी की मेड़ से बरसात का पानी रोक लेने से उसके आम, अमरूद, बेर आदि के पौधे काफी बढ़िया आकार ले चुके हैं। यहां पर बंजर भूमि की हरियाली से प्रभावित होकर बरसात के दिनों में अनेक किसान उनसे सलाह लेने पहुंचते हैं। इन किसानों को वे पर्यावरण सरंक्षण का पाठ पढ़ाने के साथ बरसात का पानी रोक कर उसका बेहतर उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
अकलू राम का आम बगीचा में इस वर्ष भी दशहरी आम, बैंगनफली, चौसा, लंगड़ा तथा अन्य प्रजाति के आमों की बहार छाई हुई है। किसान का कहना है कि बाजार में आम की कमजोर फसल के चलते उसके पास सीधे फल व्यापारी पहुंच रहे हैं।
उद्यान अधीक्षक प्रकाश सिंह भदौरिया ने बताया कि पत्थलगांव क्षेत्र में किसानों को राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना काफी रास आई है। बीते चार साल मे यहां 108 किसानों ने अपनी 86 हेक्टेयर भूमि पर फलदार पौधों का रोपण कर भविष्य की आमदनी का रास्ता को सुगम कर लिया है। यहां पर विभिन्न गांव के किसानों द्वारा रोपे गए फलदार पौधों में 90 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत अन्य किसानों की सुदृढ़ स्थिति से प्रभावित होकर अब किसान सीधे उनके कार्यालय में सम्पर्क करने पहुंच रहे हैं।
भदौरिया ने बताया कि योजना के तहत किसानों को निशुल्क फलदार पौधे तथा रोपण के बाद खाद, दवा की समुचित व्यवस्था शासन द्वारा करने से यहां सैकड़ों हैक्टयर भूमि पर हरियाली फैल गई है।