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आईआईटी छात्रों की नौकरी में कमी, कैंपस से 66% हायरिंग कम

इस साल आईआईटी छात्रों को कम मिली नौकरी

नई दिल्ली। देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक आईआईटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नलॉजी) के छात्र इस वर्ष नौकरी पाने में ज्यादा सफल नहीं हो सके।

इस साल आईआईटी छात्रों को कम मिली नौकरी, इंजीनियरिंग प्रतिभाओं के लिए रोजगार के अवसर कम
iit campus

इस वर्ष पास होने वाले प्रत्येक तीन आईआईटी छात्रों में से एक को अच्छी नौकरी नहीं मिली या वह कंपस से नौकरी नहीं ले सका। एक आधिकारिक डेटा के मुताबिक, भारत में इंजीनियरिंग प्रतिभाओं के लिए रोजगार के अवसर कम होने के संकेत मिले हैं।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से आईआईटी के उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2016-17 में 66% छात्रों को रोजगार मिला, जबकि 2015-16 में 79%,  2014-15 में 78% छात्रों को नौकरी की पेशकश की गई।

रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष देश के 17 आईआईटी संस्थान के 9104 छात्रों ने आवेदन किये जिसमें से सिर्फ 6013 छात्रों को नौकरी के ऑफर मिले।

यह संख्या 17 IIT संस्थानों की ओर से जारी किये गए आंकड़े से प्राप्त हुए हैं। आपको बता दें कि देश के 23 IIT संस्थानों में 75000 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जब इन आंकड़ों के बारे में पूछा गया तो ये बातें सामने आई की इन वर्षों में गेट स्कोर से भी पीएसयू में छात्रों की हायरिंग में बढ़ोतरी हुई है और कुछ आईआईटी से भी नौकरी दी गई है।

मंत्रालय की ओर से बताया गया कि कैंपस प्लेसमेंट में इन नौकरियों के बारे में नहीं बताया गया है। मंत्रालय की ओर बताया गया कि IIT छात्रों को मिली नौकरियों की संख्या के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले इन संख्याओं को भी जोड़ने की जरूरत है।

इसलिए हमें लगता है कि इस वर्ष आईआईटी छात्रों के रोजगार के अवसर में कोई कमी नहीं आई है। वैश्विक मंदी के भारत पर असर से कुछ प्रमुख तकनीकी संस्थानों में नौकरियों में थोड़ी से कमी आई है। बता दें कि भारत का अनुमानित आर्थिक विकास दर  पिछले वर्ष 7.9% की तुलना में 2016-17 में 7.1% फीसदी रहा था।

2015-16 और 2016-17 सत्र में आईआईटी संस्थानों से छात्रों को मिली नौकरी

  2015-16            2016-17

धनबाद        94%                54%

खड़गपुर       82%                65%

रूड़की         83%                67%

वाराणसी       64%                54%

मद्रास         86%                78%

बॉम्बे          70%                64%

दिल्ली         93%                89%

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