आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री देवीनेनी नेहरू का निधन
हैदराबाद/विजयवाड़ा | आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री व तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता देवीनेनी नेहरू का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 65 साल के थे। देवीनेनी के परिवार के सदस्यों ने उनके निधन की जानकारी दी। विजयवाड़ा की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले नेहरू को हैदराबाद स्थित उनके घर में दिल का दौरा पड़ा। उनके परिवार में एक बेटा और एक बेटी हैं।
उनका वास्तविक नाम देवीनेनी राजशेखर था। उन्हें किडनी से संबंधित बीमारियां थीं और हैदराबाद के एक अस्पताल से कुछ दिनों पहले ही उन्हें छुट्टी मिली थी। उनका शव विजयवाड़ा ले जाया गया है, जहां मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार होगा।
अपने समर्थकों व कार्यकताओं के बीच नेहरू के रूप में मशहूर देवीनेनी 1982 में एन.टी. रामा राव द्वारा तेदेपा के गठन के बाद पार्टी से जुड़े थे। वह 1983 में कांकीपाडु सीट से आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। उन्होंेन 1985, 1989 और 1994 में भी इस सीट से जीत हासिल की।
उन्होंने एन.टी.रामाराव की सरकार में मंत्री के तौर पर 1994 से 1996 तक सेवा दी। चंद्र बाबू नायडू ने जब एन.टी.रामाराव के खिलाफ बगावत किया था तो नेहरू पार्टी के संस्थापक के प्रति वफादार बने रहने वाले नेताओं में से एक थे।
बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन 1999 के चुनाव में हार गए। हालांकि 2004 में वह फिर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे, लेकिन 2009 और 2014 में उन्हें फिर हार का समना करना पड़ा।पिछले साल नेहरू अपने बेटे अविनाश के साथ एक बार फिर तेदेपा में शामिल हो गए।
नेहरू के परिवार का उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी वंगावीति रंगा से लंबे समय तक विवाद रहा। कापु समुदाय से संबंध रखने वाले कांग्रेस नेता रंगा 1988 में जब भूख हड़ताल पर थे, तो उसी दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी, जिससे विजयवाड़ा और कृष्णा जिले के अन्य भागों में हिंसा भड़क उठा थी। इसमें 40 से ज्यादा लोग मारे गए थे और अरबों रुपये की संपति का नुकसान हुआ था।
तत्कालीन मुख्यमंत्री एन.टी. रामाराव के कहने पर नेहरू ने जब आत्मसमर्पण किया, तब जाकर हिंसा थमी। रंगा हत्या मामले में 2002 में न्यायालय ने नेहरू सहित सभी 33 अभियुक्तों को बरी कर दिया।
फिल्मकार राम गोपाल वर्मा ने दोनों परिवारों के बीच विवाद पर ‘वंगावीति’ फिल्म बनाई, जो हाल ही में रिलीज हुई है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व तेदेपा अध्यक्ष चंद्र बाबू नायडू ने नेहरू के निधन पर शोक व्यक्त किया है और इसे अपना निजी तथा पार्टी का नुकसान बताया।