केजरीवाल ने खराब ईवीएम की जांच की मांग की
नई दिल्ली | दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने के लिए खराब ईवीएम के जांच करने की मांग की कि कहीं हाल के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए इनके साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई थी। आम आदमी पार्टी (आप) ने यह मांग भी की कि देश में सभी चुनावों के लिए वोटों के पेपर ट्रेल फिर से लागू किए जाएं।
केजरीवाल ने मध्य प्रदेश में शुक्रवार की घटना का जिक्र किया, जिसके तहत एक ईवीएम मशीन को मीडिया के सामने प्रदर्शित किया गया। उस मशीन में बटन चाहे कोई भी दबाइए, प्रिंटेट स्लिप भाजपा का ही निकलता था। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ अकेली घटना नहीं है। केजरीवाल ने कहा, “मैं बार-बार कह रहा हूं कि इन मशीनों के साथ व्यापक स्तर पर छेड़छाड़ की जा रही है। इसी तरह की मशीनें असम और दिल्ली छावनी में भी सामने आईं, जहां आप चाहे वोट जिस भी पार्टी को दें, वह भाजपा को ही जाता है।” केजरीवाल ने सवाल किया कि आखिर ऐसा क्यों है कि सारी खराब मशीनें सिर्फ भाजपा का ही पक्ष लेती हैं, अन्य राजनीतिक पार्टियों का नहीं?
उन्होंने कहा, “इसका अर्थ यह है कि इन मशीनों के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है और उनके सॉफ्टेवेयर बदल दिए गए हैं।” केजरीवाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग कहता है कि ईवीएम के चिप्स लिखे नहीं जा सकते, लेकिन स्पष्ट तौर पर मामला ऐसा नहीं लगता। आप नेता ने कहा कि चुनाव से पूर्व निर्वाचन आयोग 20-25 मशीनों का प्रदर्शन कर के देखता है और यदि मशीनें खराब पाई जाती हैं, तो उन्हें बदल दिया जाता है, लेकिन इसके लिए कभी किसी जांच का आदेश नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, “दिल्ली नगर निगम चुनाव में 12,000 मशीनों का इस्तेमाल होना है। सभी मशीनों की जांच नहीं की जा सकती। यदि एक मशीन खराब पाई जाती है तो अन्य पर भी सवाल उठते हैं।” आप नेता ने कहा कि मध्य प्रदेश में शुक्रवार की घटना से बड़ा सवाल उठता है कि क्या भारत में चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, “ये सवाल उठते हैं कि क्या मतदाता अपने वोट दे रहे हैं या फिर ये काम मशीनें कर रही हैं।”
केजरीवाल ने कहा कि जिन तीन मामलों में मशीनें खराब पाई गई, निर्वाचन आयोग ने जांच के आदेश नहीं दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने मांग की है कि सभी तीनों घटनाओं की एक तकनीकी जांच कराई जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मशीनों के साथ कहीं छेड़छाड़ तो नहीं की गई, और यदि ऐसा किया गया तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है। अन्यथा यह कोई मायने नहीं रखेगा कि लोग वोट किसे देते हैं, ईवीएम के कीचड़ से कमल ही खिलेगा।” दिल्ली नगर निगम के चुनाव 23 अप्रैल को होने हैं और परिणाम 26 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे।