यहां पर कुपोषण से हर घंटें तीन बच्चों की हो रही मौत, सरकार बनी अंजान
भोपाल | मध्य प्रदेश सरकार कुपोषण को लेकर लाख दावे करे, लेकिन हकीकत अलग है। राज्य में कुपोषण से हर घंटे तीन बच्चों की मौत हो रही है। यह जानकारी राज्य की महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दी है। विधानसभा में कांग्रेस विधायक रावत ने एक जनवरी, 2016 से 31 जनवरी, 2017 तक की अवधि अर्थात 396 दिनों में कुपोषण जनित बीमारियों से शून्य से छह और छह से 12 वर्ष तक के बच्चों की मौत का ब्योरा मांगा था।
इस प्रश्न का मंत्री चिटनिस ने जो लिखित में जवाब दिया है, उसमें उन्होंने कहा कि इस अवधि में 29,410 बच्चों की मौत हुई है। मंत्री के जवाब के अनुसार, “राज्य में हर दिन 74.45 बच्चों की मौत हुई है। इस तरह प्रति घंटा तीन से ज्यादा बच्चे कुपोषण के चलते होने वाली बीमारियों से मरते हैं।”
कांग्रेस विधायक रावत ने उपलब्ध ब्योरे के आधार पर आईएएनएस से कहा, “कुपोषण से सर्वाधिक बच्चों की मौत राजाधानी में हुई है। यहां 1704 बच्चों की 395 दिनों मे मौत हुई है। कुपोषण के चलते होने वाली बीमारियों से शून्य से छह वर्ष तक की आयु के 28,948 बच्चों और छह से 12 वर्ष की आयु के 462 बच्चों की मौत हुई है।”
मंत्री चिटनिस के मुताबिक, “श्योपुर जिले में कुपोषण से मौतों के प्रकरण सामने आए हैं। इसी के चलते वहां पोषण पुनर्वास केंद्रों में अति कुपोषित बच्चों को भर्ती करने का विशेष अभियान चलाया गया और डे केयर केंद्र प्रारंभ किए गए हैं।”