Uncategorized

बुंदेलखंड में ‘उमा’ बनाम ‘भारती’

uma-bharti

झांसी | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दंगल का रंग बुंदेलखंड क्षेत्र में दिखने लगा है, तमाम राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए अपनी ताकत झोंक रहे हैं, तो दूसरी ओर एक-दूसरे के चुनावी हथियार की धार को भोथरा करने में लग गए हैं। भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ मंत्री और गेरुवा वस्त्रधारी उमा भारती के प्रभाव को भुनाने में लग गई है तो उसका जवाब देने के लिए कांग्रेस ने पीतांबर वस्त्रधारी और प्रवचनकर्ता साधना भारती को चुनाव प्रचार में उतार दिया है। बुंदेलखंड का उत्तर प्रदेश में आने वाला हिस्सा सात जिलों में फैला है और यहां के सभी 19 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा, बहुजन समाज पार्टी व कांग्रेस-समाजवादी पार्टी गठबंधन के बीच त्रिकोणीय संघर्ष नजर आ रहा है, क्योंकि किसी भी दल के पक्ष अथवा विरोध में कोई हवा या लहर नहीं है। यही कारण है कि सभी दल मतदान की तारीख आने से पहले अपनी क्षमता के मुताबिक ताकत झोंक रहे हैं।
इस क्षेत्र में उमा भारती भाजपा के लिए प्रचार का प्रमुख बड़ा चेहरा हैं, वे झांसी संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। उनकी जन्म और कर्मभूमि बुंदेलखंड है, इतना ही नहीं उन्होंने वर्षो तक धार्मिक प्रवचन दिए और एक बड़ा वर्ग आज भी उनको मानता और चाहता है। उमा भारती के समानान्तर कांग्रेस ने साधना भारती को चुनाव प्रचार में उतारा है। वे ललितपुर, हमीरपुर आदि जिलों में चुनावी सभाएं कर रही हैं। 23 वर्षीय साधना लोधी समाज से आती हैं और उमा भारती भी इसी जाति से हैं। साधना ढाई वर्ष की उम्र से ही प्रवचन करने लगी थी, उनके प्रवचन सामाजिक समरसता पर केंद्रित होते हैं।
बुंदेलखंड में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रचार के लिए आई साधना ने आईएएनएस से कहा, “उन्हें लगा कि कांग्रेस ऐसा दल है जो समाज के हर वर्ग के उत्थान की बात करती है, यही कारण रहा कि उन्होंने वर्ष 2003 से विधिवत कांग्रेस के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया।” उमा भारती का जिक्र आने पर वह कहती हैं, “उमा जी साध्वी है, और गेरुआ वस्त्र पहनती है, उन्होंने संन्यास ले लिया है, जबकि उनके साथ ऐसा नहीं है, वे पीतांबर वस्त्र धारण करती है और घर भी बसाएंगी।”
साधना का कहना है कि, कोई भी धर्म आपस में लड़ना नहीं सिखाता, भेदभाव की बात नहीं करता, मगर भाजपा ऐसा दल है जो राम के नाम पर समाज को बांटता है, लिहाजा उन्हें कांग्रेस की नीतियां पसंद आती है, क्योंकि वह देशहित में है। बुंदेलखंड के राजनीतिक समीक्षक अनिल शर्मा कहते हैं, “कांग्रेस ने भाजपा के मुकाबले साधु संन्यासियों का राजनीतिक उपयोग करके अपने ही तरह से जवाब देने की कोशिश की है, यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले समय में कांग्रेस इसे और आगे बढ़ाएगी। जिससे दोनों दलों के मंच पर खादी के सफेद वस्त्रों की तुलाना में गेरुआ व पीतांबर वस्त्रधारी ज्यादा नजर आने लगेंगे।”

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close