महिला आरक्षण विधेयक पास करने को सरकार के पास नहीं बहुमत
अमरावती | संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयक तभी पारित हो सकेंगे, जब मोदी सरकार को राज्यसभा में बहुमत मिलेगा। केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने यह बात कही। उन्होंने यहां राष्ट्रीय महिला संसद (एनडब्ल्यूपी) को संबोधित करते हुए यह बात कही।उन्होंने यहां बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, “वह दिन ज्यादा दूर नहीं है जब संसद में वह कानून पारित होगा, जिससे संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण मिलेगा। यह प्रधानमंत्री के ध्यान में है।”
उन्होंने कहा, “जैसे ही हमें राज्यसभा में बहुमत मिलेगा,हम यह विधेयक पारित कर देंगे।” उन्होंने इस मुद्दे पर व्यापक सहमति बनाने की भी बात कही। नायडू ने कहा कि राजनीतिक आरक्षण महिला सशक्तिकरण का केवल एक हिस्सा है। उन्होंने अर्थव्यवस्था, शिक्षा व अन्य क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि स्वयं सहायता समूह महिलाओं के सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली औजार है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की सबसे बड़ी संख्या आंध्र प्रदेश में होने की सराहना की। मंत्री ने दावा किया उनकी सरकार सभी सरकारी योजनाओं में महिलाओं को प्राथमिकता दे रही है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्राबाबू नायडू ने कहा कि उनकी तेलुगू देशम पार्टी ने ही विधायी निकायों में सबसे पहले महिला आरक्षण की मांग की थी। तीन दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में देश-विदेश की 10,000 से अधिक महिला प्रतिनिधि हिस्सा ले रही हैं। इसके उद्घाटन सत्र में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा, बांग्लादेश की संसद की अध्यक्ष शिरीन शर्मिन चौधुरी, पुडुच्चेरी की राज्यपाल किरण बेदी और अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने भी भाग लिया।