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बेकार पड़ी वस्तुओं से ‘एनर्जी कैफे’ तैयार 

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पटना | बेकार पड़ी वस्तुओं से उपयोगी सामान बनाने की बात आपने सुनी या देखी होगी, लेकिन सरकारी कार्यालयों में अगर ऐसा देखने को मिले, तो सचमुच आश्चर्य होगा। ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है बिहार विद्युत विभाग में, जहां बेकार पड़ी वस्तुओं से एनर्जी कैफे तैयार किया गया है।
विद्युत भवन में स्थित ‘एनर्जी कैफे’ के नाम के इस भवन में बेकार पड़ी वस्तुओं को नया रूप दिया गया है। तेल के ड्रम को कुर्सी और सेंटर टेबल के रूप में तब्दील कर दिया गया है, जबकि एक पुराने कार को सोफा बना दिया गया है।
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा, “हर साल यहां बड़ी मात्रा में सामान बेकार हो जाते हैं, जिसे एक भवन में रख दिया जाता था। मैंने इन सामानों के उपयोग करने के लिए कुछ अलग करने को सोची और आज ‘एनर्जी कैफे’ आपके सामने है।” उन्होंने बताया कि यहां के कर्मचारियों को बहुत दिनों से एक कैंटीन की मांग की थी। इस कैफे के जरिए उन कर्मचारियों की वह मांग भी पूरी कर दी गई।
कर्मचारियों के उपयोग की गई बेकार पड़ी साइकिल के अगले हिस्से से इस कैफे का साइन बोर्ड भी बहुत आकर्षक तरीके से तैयार किया गया है। कैफे के लिए पुराने ड्रमों को काट कर कुर्सी और सेंटर टेबल बनाए गए हैं, तो इलेक्ट्रिक पैनल्स से टेबल और बेंच बनाए गए हैं। इन इलेक्ट्रिक पैनल्स के नट और बोल्ट अब भी साफ -साफ दिखाई देते हैं। बिजली ट्रांसफॉर्मर के ऑयल ड्रम से बैठने का स्टूल तैयार किया गया है। इंसुलेटर से ‘डस्टबीन’ (कूड़ेदान) तो बिजली के तारों से मडर्न आर्ट बनाए गए हैं।
जिस एंबेसडर कार का इस्तेमाल वर्ष 2001 तक विभाग के सचिव आने-जाने के लिए किया करते थे, उससे आधुनिक तरीके का आरामदायक सोफा तैयार किया गया है। इस कार का नंबर प्लेट भी दीवार पर आकर्षक तरीके से सजा दिया गया है।
करीब 1800 वर्गफीट में फैले इस कैफे का पिछले सप्ताह ही उद्घाटन हुआ है। बिहार स्टेट पवर होल्डिंग के मुख्य अभियंता (सिविल) सरोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि इस कैफे का मूल विचारा ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत का था, जिसे प्रोफेशनल आर्टिस्ट पटना निवासी मंजीत कुमार और नेहा सिंह ने साकार किया।  अमृत कहते हैं कि शाम को इस कैफे को किसी निजी संस्थान को किराए पर देने का विचार किया जा रहा है। उस वक्त कर्यालय भी बंद रहेगा और राजधानी के आमलोग भी यहां आ सकेंगे।
कैफे का मीनू बोर्ड और दीवार घड़ी लकड़ी के पुराने टुकड़ों से तैयार की गई है। पटना के मीठापुर में उर्जा विभाग का एक बंद पड़ा पावर प्लांट में बतौर प्रयोग में आने वाली केतलियों को भी आकर्षक रूप देकर कैफे की दीवार में टांगा गया है, जो दीवार की शोभा बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि कैफे की दीवार भी पुराने सामानों, लकड़ी और लोहे से तैयार की गई है।

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