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महिलाओं के दम पर उत्तर प्रदेश जीतने का दांव

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नई दिल्ली | उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन के बाद अब चुनावी परिदृश्य लगभग साफ हो गया है। मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। हर दल महिलाओं के बूते सियासी दंगल जीतने का दांव चलने की तैयारी में है। हर पार्टी ‘महिला ब्रिगेड’ को खासी तवज्जो देने जा रही है।  भारतीय जनता पार्टी ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची में पांच महिलाओं को जगह देकर पहला दांव चल दिया है, समाजवादी पार्टी भी कन्नौज से सांसद डिंपल यादव को यूपी और उत्तराखंड में चुनाव प्रचार की खास जिम्मेदारी देने जा रही है। कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी, डिंपल के साथ मंच साझा कर सकती हैं। कांग्रेस की मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में दिल्ली से यूपी आईं शीला दीक्षित गठबंधन के बाद अब पार्टी के लिए प्रचार भर करेंगी। वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती अकेले अपने दमखम पर चुनाव जीतने का माद्दा रखती हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सांसद पत्नी डिंपल यादव पार्टी की ओर से प्रचार की कमान संभाल सकती हैं। जानकारों का मानना है कि इस बार उन्हें विभिन्न रैलियों को संबोधित करते और पार्टी के लिए वोट मांगते देखा जा सकता है। इसके साथ ही वह उत्तराखंड में भी पार्टी की ओर से प्रचारकों की सूची में शीर्ष पर रह सकती हैं। डिंपल अगर रैलियों में भाषण देती दिखें तो हैरानी नहीं होनी चाहिए।
मायावती पर अभद्र टिप्पणी कर भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह बसपा के जवाबी हमले के खिलाफ आवाज उठाकर मीडिया में छा गई थीं, जिसके बाद उन्हें यूपी भाजपा महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। यदि वह यूपी में भाजपा के लिए वोट मांगती दिखें तो इसमें भी हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए।
हर पार्टी महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए महिला प्रचारकों का इस्तेमाल करती आई हैं। भाजपा की स्टार प्रचारकों में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, उमा भारती, साध्वी निरंजन ज्योति, मथुरा से सांसद हेमा मालिनी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वोट मांगती नजर आएंगी, क्योंकि केंद्र में सत्तारूढ़ इस पार्टी ने मुख्यमंत्री चेहरा के रूप में किसी को आगे नहीं किया है। पार्टी को भरोसा है कि उसे मोदी के नाम पर वोट मिलेंगे और बहुमत भी।
कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर भाजपा का दामन पकड़ चुकीं रीता बहुगुणा जोशी ने आईएएनएस को बताया, “पार्टी में एक से एक बड़ी महिला नेता हैं और आलाकमान ने जिन-जिन को यह जिम्मेदारी सौंपी है या आगे भी सौंपेंगे वह बड़ी शिद्दत से अपना काम करेंगे। मैं महिला आरक्षण की बहुत बड़ी पक्षधर हूं और मानती हूं कि महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए। भाजपा की महिला ब्रिगेड भी बखूबी से अपनी जिम्मेदारी संभालेगी।”
हालांकि, उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष और सपा पार्टी प्रवक्ता जूही सिंह ने  बताया, “पार्टी विकास के नाम पर जनता से वोट मांगने मैदान में उतरेगी। पार्टी के स्टार प्रचारक जरूर चुनावी दंगल में उतरेंगे, फिर चाहे वह कोई भी हो।” सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बाद कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी भी डिंपल यादव के साथ मंच साझा कर सकती हैं। इलाहाबद में प्रियंका गांधी के साथ डिंपल यादव के पोस्टर खासा खुर्खियां बटोर रहे हैं, जिससे दोनों के एक साथ चुनावी रैलियां संबोधित करने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। हालांकि, अभी इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
बसपा की कद्दावर महिला नेता मायावती पार्टी में एकमात्र बड़ा महिला चेहरा हैं और वह अपने दम पर अकेले ही चुनाव जीतकर सरकार बनाने का दमखम रखती हैं। इस बार भी अकेले अपने दम पर चुनाव प्रचार कर चौथी बार सूबे की मुख्यमंत्री बनने की पुरजोर कोशिश करेंगी। हालांकि, मायावती ने पार्टी में कई महिला नेताओं को टिकट देकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह महिलाओं को आगे बढ़ाने के पक्ष में हैं और महिला सशक्तीकरण उनके लिए बड़ा मुद्दा है।

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