Uncategorized

छत्तीसगढ़ के 80 फीसदी बच्चे पा रहे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा : मंत्री 

School-620x400

रायपुर । छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा और आदिम जाति विकास मंत्री केदार कश्यप ने अपने निवास कार्यालय में स्कूल शिक्षा की वार्षिक रिपोर्ट ‘असर’ जारी करते हुए बताया कि प्रदेश के 80 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है। गुरुवार देर शाम जारी वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या में उत्साहजनक वृद्धि हुई है। प्रदेश में स्कूली बच्चों की संख्या 92.7 प्रतिशत से बढ़कर 97.2 प्रतिशत हो गई है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि ‘असर’ की यह वार्षिक रिपोर्ट छत्तीसगढ़ के 16 जिलों के 480 गांवों के 9 हजार 639 स्कूली बच्चों के सर्वेक्षण के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर पूरी संजीदगी से काम कर रही है। विद्यालयों में अधोसंरचना विकास, पेयजल व्यवस्था, शौचालयों का निर्माण, गुणवत्ता युक्त मध्याह्न् भोजन, बालिकाओं के लिए अलग शौचालय और मुफ्त साइकिल वितरण, दर्ज संख्या में वृद्धि, छात्र कल्याणार्थ योजनाएं, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम गुणवत्ता अभियान जैसे सकारात्मक प्रयासों एवं निष्कर्ष से छत्तीसगढ़ स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
मंत्री ने ‘असर’ 2016 के निष्कर्षों पर चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2016 में छात्र नामांकन 92.7 प्रतिशत से 97.2 प्रतिशत अर्थात साढ़े चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। ‘असर’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2016 में निजी विद्यालयों में छात्र नामांकन 19.9 प्रतिशत असामान्य नहीं है। आज भी राज्य में 80 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। राज्य के सुदूरवर्ती गांवों, वन क्षेत्रों और नक्सल प्रभावित इलाकों में बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार सजग है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2011 से वर्ष 2016 तक छत्तीसगढ़ के स्कूलों में दूसरी, तीसरी और पांचवीं कक्षा के बच्चों की पढ़ने की क्षमता में 15 से 20 प्रतिशत वृद्धि देखी गई है, जो हमारे लिए अच्छे संकेत हैं। कक्षा पहली में यह गति कुछ धीमी है। इसका विश्लेषण कर पहली कक्षा के बच्चों में भी पढ़ने की क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
वर्ष 2012 से 2016 के बीच कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों में गणित की क्षमता में भी वृद्धि हुई है। इसे और भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close