भारत-जापान मुक्त व्यापार समझौता को तेजी से लागू करना चाहिए : निर्मला सीतारमण
नई दिल्ली | केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत-जापान मुक्त व्यापार समझौता के लागू करने की गति में और तेजी लाने की जरूरत है। सीतारमण और जापानी अर्थव्यवस्था एवं व्यापार मंत्री हिरोशिगो सेको के बीच सोमवार को यहां हुई बैठक के बाद भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के बयान में कहा गया, “सीतारमण ने कहा कि भारत-जापान समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) के क्रियान्वयन की गति तेज होने के बजाय धीमी हो गई है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार की विशाल क्षमता के दोहन के लिए इसकी गति को और बढ़ाने की जरूरत है। ”
बयान के अनुसार, सीतारमण के विचार से सहमति जताते हुए सेको ने कहा कि चल रहे वाइब्रेंट गुजरात इन्वेस्टर्स समिट में जापान की 25 कंपनियां भाग ले रही हैं। बयान के अनुसार, जापानी पक्ष ने अनुरोध किया है कि भारत में बड़े पैमाने पर जापानी निवेश को आकर्षित करने के लिए कीमत आकलन स्थानान्तरण और अन्य मुद्दों को हल करने की जरूरत है, जिसे भारत में जापानी वाणिज्य एवं उद्योग मंडल इन मुद्दों को समय-समय पर उठाता रहता है।
भारत के साथ बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर)के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की इच्छा जाहिर करते हुए जापानी प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय आईपीआर परीक्षकों को प्रशिक्षण देने की पेशकस की। बयान में आगे कहा गया कि सेको ने 100 भारतीय आईपीआर परीक्षकों को प्रशिक्षण के लिए जापान आने का न्योता भी दिया।
सीतारमण ने भारत से जापान को किए जाने वाले तिल के बीज, सुरिमि मछली और जेनेरिक दवाओं के निर्यात को बढ़ाने हेतु जापानी पक्ष से कदम उठाने का अनुरोध किया। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “सीतारमण ने कहा कि भारत में औद्योगिक टाउनशिप परिवर्तनकारी होगा और उल्लेखनीय जापानी निवेश लाएगा और भारत-जापान आर्थिक सहयोग को और मजबूती प्रदान करेगा।” सीतारमण ने यह भी कहा कि भारत एक लॉजिस्टिक विश्वविद्यालय की स्थापना करना चाहता है जिसके लिए जापानी सहयोग की आवश्यकता होगी।
सेको ने सोमवार को पहले यहां उर्जा मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और संयुक्त रूप से 7 वें भारत-जापान उर्जा मंच का उदघाटन किया था।