पटना बना पंजाब, प्रकाशोत्सव पर्व
पटना | सिखों के 10वें गुरु गुरुगोविंद सिंह की जन्मस्थली पटना में 350वें प्रकाशाोत्सव को लेकर पंजाब सहित देश-विदेश से आ रहे श्राद्धालुओं के लिए ऐतिहासिक और पौराणिक शहर पाटिलिपुत्र आज ‘मिनी पंजाब’ जैसा बन गया है। आने वाले श्रद्धालु गुरु की नगरी पटना साहिब में उनकी निशानी देख धन्य हो रहे हैं। यहां आने वाले पंजाबी श्रद्धालु भी प्रकाशोत्सव की तैयारी देख बेहद खुश हैं। श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए राजधानी के विभिन्न होटलों, लॉजों के अलावा ऐतिहासिक गांधी मैदान में निर्मित टेंट सिटी में 12 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था की गई है। वहीं, बाईपास पर 70 एकड़ क्षेत्र में बनी टेंट सिटी में करीब 30 हजार से अधिक श्रद्धालु ठहरेंगे। इसके अलावा कंगन घाट पर भी टेंट सिटी बनाई गई है, जिसे आकर्षक तरीके से सजाया गया है और श्रद्धालुओं के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
350वें प्रकाशाोत्सव को लेकर तख्त श्री हरिमंदिर साहिब को भी सतरंगी रोशनी से सजाया गया है। प्रकाशोत्सव के मुख्य समारोह का आयोजन गांधी मैदान में तीन से पांच जनवरी तक होगा। पटना जिले के एक अधिकारी ने कहा कि मुख्य समारोह स्थल का काम लगभग पूरा हो चुका है। संगतों का आना शुरू हो गया है। अमृतसर, सूरत, पंजाब, लुधियाना, पटियाला सहित विभिन्न जगहों से 10 हजार से अधिक संगत गुरु की नगरी पहुंच गए हैं। यहां लंगर हॉल, जोड़ा घर, शबद कीर्तन और साधना स्थल बनाने का काम लगभग पूरा हो गया है। गांधी मैदान में एक जनवरी से ही लंगर चालू हो जाएगा। लंगर 24 घंटे चलेगा। यहां तीन लंगर हॉल तैयार हैं। हॉल संख्या दो और तीन में एक बार में तीन हजार लोग एक साथ बैठकर लंगर ग्रहण कर सकेंगे। लंगर चलाने की जिम्मेदारी हॉल संख्या-दो में बाबा सेवा सिंह, कार सेवा खंडूर साहिब को, जबकि हॉल संख्या-तीन नंबर लंगर की जिम्मेदारी बाबा मान सिंह को दी गई है।
खंडूर साहिब के सरदार निर्मल सिंह गोलू ने बताया, “लंगर की सामग्री पंजाब से आएगी, लेकिन दूध, हरी सब्जी आदि की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर की जाएगी। लंगर में खाना शुद्ध घी में बनेगा। एक लंगर में सहयोग करने के लिए 2500 से 3000 लोग आएंगे। अभी मात्र 20 से 25 लोग आए हैं।”
वह कहते हैं कि लंगर में बनने वाली रोटियों के लिए चूल्हे बनाने का काम अंतिम चरण में है। एक बार में 2000 लोगों को खिलाया जा सकेगा। रोटी बनाने के लिए पांच चूल्हों का निर्माण किया जा रहा है जिस पर मक्के की रोटी, तंदूरी रोटी और तवे की रोटियां बनाई जाएंगी। सुबह के नाश्ते में लोग बेसन की मिठाई, शक्करपाला, बालूशाही, लड्डू, गुलाबजामुन, पालक पकौड़ा, गोभी पकौड़ा, आलू पकौड़ा, चाय-काफी आदि का मजा ले सकेंगे, जबकि सुबह 9.30 बजे के बाद मक्के की रोटी, गेहूं की रोटी, तंदूरी रोटी, मिस्सी रोटी, पालक पनीर, सरसों की साग, मिक्स सब्जी, दाल, कढ़ी, पकौड़े, चावल, पुलाव, मटर पनीर, शाही पनीर, गाजर का हलवा, मूंग की दाल का हलवा आदि का आनंद लेंगे। तैयारियों को देख बाहर से आए श्रद्धालु काफी खुश हैं। पंजाब से आए श्रद्धालु दलजीत सिंह कहते हैं, “सरकार ने बहुत अच्छी तैयारी की है। पटना में बाहर से आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था की गई है। आने वाले दिनों में भीड़ काफी होगी, इसलिए हम लोग पहले आ गए हैं।”
पीलीभीत से आए श्रद्धालु प्रेमजीत सिंह यहां की तैयारियों से गदगद होकर कहते हैं कि प्रशासन और सरकार ने तो यहां ‘मिनी पंजाब’ बसा दिया है। गुरु के दरबार में पहुंचने का सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है। प्रेमजीत अपने 12 साथियों के साथ यहां आए हैं। प्रकाशोत्सव का मुख्य आयोजन पांच जनवरी को होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने का कार्यक्रम है। इस दिन गांधी मैदान में मुख्य दीवान सजेगा। तीन जनवरी को गतका पार्टी अपना जौहर दिखाएंगे। चार जनवरी को गांधी मैदान से भव्य नगर कीर्तन निकाला जाएगा।