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रसीना गांव में 20 हैंडपंपों में 18 बेकार, पानी की भारी किल्लत

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झांसी। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में पानी की किल्लत हमेशा बनी रहती है, लेकिन झांसी जिले के रसीना गांव में स्थिति कुछ ज्यादा ही चिंताजनक है।  गांव में और उसके आसपास कुल 20 हैंडपंप, जिनमें से सिफ्र दो हैंडपंपों से ही पानी निकलता है, जो गांव से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। नतीजा है कि ग्रामीणों को जरूरत के हिसाब से पानी जमा करने में पूरा दिन लग जाता है।  रसीना गांव के निवासियों का आरोप है कि वे गांव के प्रधान को इस समस्या के बारे में बता चुके हैं, पर वह मामला जल विभाग पर टालकर पाला झाड़ लेते हैं। हालांकि जल विभाग ने इस समस्या पर अक्टूबर के महीने में एक बैठक की थी, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
इलाके में पहाड़ी और पथरीली जमीन होने के कारण यहां के लोग निजी हैंडपंप नहीं लगवाते हैं, क्योंकि खर्च वहन करना उनके बूते की बात नहीं है। पानी की किललत से जूझ रहे लोगों में 10 साल की स्वाति भी है। वह अपने घर की जरूरत के लिए पानी इकट्ठा करने में मदद करती है। वह कहती है, “मैं एक किलोमीटर चलकर घर के लिए पानी लाती हूं।” इसी तरह मालती (45) कहती है कि इन दोनों हैंडपंपों से कम पानी निकलता है। “मैं घंटों खड़ी रहती हूं, तब पानी भरने का मेरा नंबर आता है।”
गत अक्टूबर महीने में रसीना के निवासियों की समस्या को सुनने के लिए जल विभाग के अधिकारी यहां आए थे। उन्होंने भी जल्द पाइप लाइन लगाने की बात कही थी, लेकिन लोगों को समस्या दूर होने का इंतजार है।  पानी की इस समस्या पर बबीना ब्लॉक के चेयरमैन भारत सिंह उर्फ बॉबी यादव कहते हैं, “मैंने जल संस्थान, जल निगम, जिला अधिकारी और मुख्यमंत्री तक को पानी के हैंडपंप लगाने के लिए प्रस्ताव भेज दिया है, लेकिन जल निगम असमतल इलाका होने की बात कहकर इस मुद्दे को टाल रहा है, जबकि असमतल क्षेत्र होने के बावजूद बबीना से झांसी तक भी पानी जाता है।”
उन्होंने कहा, “यह जिला स्तर की समस्या है। इस संबंध में जिला अधिकारी और मुख्यमंत्री ही कुछ कर सकते हैं, क्योंकि यह काम जिला पंचायत निधि से नहीं हो सकता है। इसके लिए बड़ी रकम की जरूरत है।

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