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विधानसभा में कांग्रेस का बहिर्गमन

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भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को नोटबंदी से किसानों और आमजनों को हो रही परेशानी को लेकर कांग्रेस द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए जा रहे जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया और बहिर्गमन कर गए। कांग्रेस के बहिगर्मन के बाद भी मुख्यमंत्री चौहान ने अपना वक्तव्य जारी रखा।
विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के प्रभारी नेता बाला बच्चन और कांग्रेस विधायकों की ओर से नोटबंदी के चलते हो रही समस्याओं को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया गया। इस प्रस्ताव में सत्ता पक्ष की सहमति मिलने के बाद प्रश्नकाल को स्थगित कर स्थगन पर चर्चा कराई गई।
इस दौरान कांग्रेस विधायकों बाला बच्चन, मुकेश नायक, रामनिवास रावत ने किसानों से लेकर आमजनों को होने वाली समस्या को उठाया। वहीं सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री नरोत्तम मिश्रा व विश्वास सारंग ने मोर्चा संभाला।  चर्चा के दौरान दोनों पक्षों के विधायकों में तीखी नोंकझोंक भी हुई। सत्तापक्ष ने जहां नोटबंदी को ऐतिहासिक फैसला बताया तो दूसरी ओर विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर विषय के अनुरूप जवाब न देने के आरोप लगाए।
चर्चा के अंत में मुख्यमंत्री ने माना कि नोटबंदी के चलते शुरुआत में जरूर लोगों को कुछ दिक्कतें आई मगर अब हालात सामान्य हो चले हैं। उन्होंने दावा किया कि इस वर्ष रवि फसल बीते वर्ष के मुकाबले कहीं ज्यादा बोई गई है, लिहाजा नोटबंदी से किसानों के हाल बेहाल होने की बात कहना गलत है।
मुख्यमंत्री के जवाब के बीच में ही विपक्षी विधायकों सुंदर लाल तिवारी, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, विक्रम सिंह नाती राजा आदि ने टोका-टाकी की। कांग्रेस का आरोप था कि मुख्यमंत्री गलत आंकड़े दे रहे हैं।  कांग्रेस के विधायक आसंदी के सामने वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। उसके बाद हंगामा करते हुए सदन से बाहर चले गए। विपक्ष के इस रवैए पर मुख्यमंत्री चौहान ने गहरा आक्रोश जताया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस तरह का विपक्ष उन्होंने कभी नहीं देखा। विपक्ष के बहिर्गमन के बाद उन्होंने अपनी बात पूरी की।

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