जीवनशैली

बागवानी से महकेगा कॅरियर

2014_12largeimg209_dec_2014_020108170बागवानी ने आज कॅरियर का दर्जा प्राप्त कर लिया है। इससे एक ओर जहां व्यक्ति की रचनात्मकता का निखार होता है, वहीं उसको आर्थिक लाभ भी होता है।
फूल सिर्फ हमारे मानसिक सुख का ही कारण नहीं होते बल्कि आर्थिक सुख का भी कारण होते हैं। जी हां, फूलों की बागवानी करके दिल तो खुश होगा ही साथ ही आपके आर्थिक कष्टï भी दूर हो सकते हैं। गांव के जो युवा बेरोजगार हैं और अपने गांव को छोडक़र भी नहीं जाना चाहते हैं ऐसे में हार्टिकल्चर उनके लिए बेहतर विकल्प है। फूलों की बागवानी करके अपने कैरियर को महका सकते हैं।
क्या है हॉर्टिकल्चर
हॉर्टिकल्चर विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें अनाज, फूलों और पौधों को उगाने से लेकर उनकी मार्केटिंग तक का अध्ययन किया जाता है। हॉर्टिकल्चर, मानव उपयोग के लिए इस्तेमाल होने वाले पौधों के विज्ञान, तकनीक और विपणन से जुड़ा क्षेत्र है। इसके  अंतर्गत खाद्य और अखाद्य, दोनों तरह की फसलें आती हैं। खाद्य फसलों में फल, सब्जी और अनाज आदि आते हैं, जबकि अखाद्य फसलों के अंतर्गत फूल और पौधे आदि आते हैं। हॉर्टिकल्चर विशेषज्ञ अपने ज्ञान, कौशल और तकनीक का उपयोग कर बड़े स्तर पर मनुष्य की निजी और सामाजिक जरूरतों के लिए पौधों का उत्पादन करते हैं। हॉर्टिकल्चर के अंतर्गत विज्ञान की कई शाखाओं, मसलन फिजिक्स, कैमिस्ट्री, जियोलॉजी और बायोलॉजी का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य, मार्केटिंग और हेल्थ केयर जैसे विषय भी इसमें पढ़ाए जाते हैं।
किन क्षेत्रों में मिलेगा काम
इस क्षेत्र में आप बतौर विशेषज्ञ, सुपरवाइजर, हॉर्टिकल्चर स्पेशलिस्ट, फ्रूट-वेजीटेबल इंस्पेक्टर काम कर सकते हैं। बीएससी कृषि, एमएससी, बागवानी के बाद सरकारी विभागों में कृषि वैज्ञानिक बना जा सकता है। प्रोफेसर, रीडर, कृषि केंद्रों में ऑर्गेनाइजर के रूप में भी आप अपना करियर शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य लोकसेवा आयोग के जरिए उद्यान अधिकारी, कृषि अधिकारी, तकनीकी अधिकारी, फल व सब्जी निरीक्षक, उद्यान पर्यवेक्षक कृषि विकास अधिकारी के पदों पर अवसरों की संभावनाएं रहती हैं। निजी क्षेत्र में हॉर्टिकल्चरिस्ट, हॉर्टिकल्चर ऑफिसर, पेस्टीसाइड  कंपनियों की मार्केटिंग शाखा में नौकरियां उपलब्ध हैं।
प्रमुख कोर्स
बीएससी इन हॉर्टिकल्चर
एमएससी इन हॉर्टिकल्चर
बीएससी/एमएससी इन एग्रीकल्चर
बीटेक इन हॉर्टिकल्चर
योग्यता
बैचलर कोर्स: विज्ञान विषयों (कैमिस्ट्री और बायोलॉजी) के साथ 12वीं पास करने के बाद हॉर्टिकल्चर साइंस के अंडरग्रेजुएट कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। दाखिले के लिए उम्मीदवार को इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा से गुजरना पड़ता है। कोर्स की अवधि तीन से चार वर्ष की होती है।
मास्टर्स कोर्स: बायोलॉजी में या हॉर्टिकल्चर में स्नातक छात्र, हॉर्टिकल्चर के पीजी कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। दाखिले के लिए उम्मीदवार को इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चरल रिसर्च द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होता है। कुछ विश्वविद्यालय और संस्थान स्वयं भी दाखिलों के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं। कोर्स की अवधि दो वर्ष होती है।
हॉर्टिकल्चर की विभिन्न शाखाएं
एरोबी कल्चर, टर्फ मैनेजमेंट, फ्लोरीकल्चर, लैंडस्केप हॉर्टिकल्चर, ओलेरीकल्चर, पोमोलॉजी, ओनेलॉजी, पोस्ट हार्वेस्ट
प्रमुख संस्थान
इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, दिगी
आणंद कृषि विश्वविद्यालय, गुजरात
गोविंद वल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, उत्तराखंड
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर
उड़ीसा यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर
वेतन
इसमें शुरुआती वेतन 12 हजार रुपए प्रतिमाह से आरंभ होता है। मैनेजर या सीनियर मैनेजर के पद पर पहुंचने पर वेतन 40 से 50 हजार रुपये प्रतिमाह मिलने लगता है। वरिष्ठ पदों पर पहुंचने के बाद वेतन एक लाख रुपये से ऊपर हो जाता है।
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