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उत्तराखंड: कॉलेजों में संबद्धता निरीक्षण हर साल नहीं, कोर्स के हिसाब से मिलेगी संबद्धता

देहरादून। उत्तराखंड में जिस कॉलेज में जितने साल का कोर्स चलेगा, उतने साल की संबद्धता एक बार में ही मिल जाएगी। हर साल विश्वविद्यालयों की ओर से पैनल बनाकर निरीक्षण की प्रक्रिया अब नहीं होगी। शुक्रवार को सदन में इसके लिए राज्य विश्वविद्यालयों का एक अंब्रैला एक्ट पास हो गया।

अभी तक कॉलेजों के संबद्धता की प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी थी। पहले कॉलेज आवेदन करता है। इसके बाद विवि के स्तर पर विशेषज्ञ पैनल बनाया जाता है। पैनल निरीक्षण के बाद रिपोर्ट सौंपता है। इस रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय, राजभवन को संबद्धता की संस्तुति करता है।

राजभवन पूरी प्रक्रिया जांचने के बाद संबद्धता का पत्र जारी करता है। राजभवन से 2015-16 के बाद से संबद्धता के पत्र जारी नहीं हुए हैं। जिसके चलते कॉलेजों में पढ़ रहे छात्र हर साल छात्रवृत्ति से भी वंचित हो जाते हैं। लेकिन अब राज्य सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों का अंब्रैला एक्ट लाकर इस प्रक्रिया को सरल बना दिया है।

अब ये होगा बदलाव

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि जिस कॉलेज में जितनी अवधि का कोर्स होगा, उतनी अवधि की अस्थायी संबद्धता विश्वविद्यालय के स्तर से दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अगर कोई कॉलेज तीन वर्षीय बीए कोर्स की संबद्धता मांगता है तो एक बार निरीक्षण के बाद उस कोर्स की तीन साल की संबद्धता दी जाएगी। तीन साल पूरे होने के बाद दोबारा निरीक्षण होगा।

खास बात ये है कि संबद्धता पत्र जारी करने का काम विवि की कार्यकारी परिषद के स्तर से ही हो जाएगा। राजभवन की जरूरत खत्म कर दी गई है। कोर्स अवधि की संबद्धता के नियम से विश्वविद्यालयों को भी हर साल निरीक्षण के भारी-भरकम काम से निजात मिल जाएगी। समय से संबद्धता मिलने से छात्रों को समय से छात्रवृत्ति भी मिल सकेगी।

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