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इस आयुर्वेदिक तकनीक से भारतीय वैज्ञानिक खोजेंगे कोरोना वायरस का इलाज

इस समय पूरा विश्व कोरोना वायरस जैसी घातक महामारी से जूझ रहा है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस शोध में लगे हुए हैं कि आखिर कैसे इस वायरस को फैलने से जल्द से जल्द रोका जा सके और इससे संक्रमित व्यक्तियों को कैसे ठीक किया जा सके पर अभी तक दुनिया में किसी भी वैज्ञानिक को कोरोना वायरस के इलाज की कोई भी वैक्सीन या कोई भी दवा हाथ नहीं लगी है।

भारत में भी लगातार इस महामारी को लेकर तमाम रिसर्च किए जा रहे हैं पर सफलता हाथ नहीं लगी है। इसी बीच वैज्ञानिक जल्द ही फीफाट्रोल से कोरोना वायरस के इलाज की खोज करने जा रहे हैं। इससे पहले आयुष मंत्रालय की गठित टास्क फोर्स को उन्होंने यह प्रस्ताव भेजा था जिससे कि इस शोध में सरकार से हर तरह की सहायता ली जा सके।

कोरोना वायरस
फोटो-गूगल

टास्क फोर्स से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर के एन द्विवेदी ने कहा है कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के इलाज की तकनीक खोजी जा रही है हमें भी अपने परंपरागत चिकित्सा पद्धति का प्रयोग करना चाहिए।

इंसानों पर फीफाट्रोल का ट्रायल करके कोरोनावायरस का आयुर्वेदिक इलाज करने की योजना बनाई जा रही है। डॉक्टर के एन द्विवेदी का कहना है कि एमिल फार्मास्यूटिकल की सहायता से उन्होंने इस शोध का प्रस्ताव टास्क फोर्स को भेजा है ।

आपको बता दें कि इस संस्थाओं में लिखा है कि फीफाट्रोल से 13 जड़ी बूटियों से तैयार एंटीमाइक्रोबियल्स एक औषधीय फार्मूला है जिसमें यह पांच प्रमुख जड़ी बूटियों को शामिल किया गया है जिनमें सुदर्शन वटी, संजीवनी वटी, गोदंती भस्म, त्रिभुवन कीर्ति रस और मृत्युंजय रस शामिल है।

इन बूटियों में तुलसी, कुटकी, चिर यात्रा, मोथा गिलोय, दारूहल्दी कोमा करंज के अलावा अपामार्ग। इन 8 औषधियों के अंश मे मिलाए गए हैं। फीफाट्रोल पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी अध्ययन कर चुका है जिसमें यह दवा एंटीबायोटिक के रूप में साबित हुई है।

चौथ में यह पाया गया कि इस दवा द्वारा बैक्टीरिया संक्रमण रोकने में मदद मिली और साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट किया जा सका। आयुष मंत्रालय द्वारा एक आंतरिक टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो देसी उपचार पद्धतियों की उन औषधियों का अध्ययन कर रहा है जिन्हें कोविड-19 के इलाज में प्रयोग किया जा सकता है। इन दवाओं के बारे में जानकारी एकत्रित करनी शुरू कर दी गई है।

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