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भारत कोरोना की इन बातों को मान रहा था सच, जबकि वे साबित हुईं गलत !

कोरोना वायरस से अभी तक भारत में 480 लोगों की मौत हो चुकी है। इस वायरस को देखने के लिए सरकार अलग अलग तरीके अपना रही है। लेकिन इस पर रोक लगाना मुश्किल हो रहा है। लेकिन जैसे कि हम सब जानते हैं कि जब यह वायरस भारत में आया था तब इस वायरस को लेकर छोटी-छोटी बातों की जानकारी दी जाने लगी थी, और इन्हीं छोटी-छोटी जानकारियों के बीच में कुछ बातें ऐसी भी थी जिनका कोई इस्तेमाल करना सही था भी या नहीं यह बात का पता नहीं लगाया जा सकता।

आइए जानते हैं ऐसे ही तीन जानकारी के बारे में जिनको लोगों ने जांचा भी और परखा भी लेकिन इसका अंजाम कुछ निकला नहीं:

 

सबसे पहले बात करते हैं मास्क की:

जैसे कि हम सब जानते हैं कि जैसे ही कोरोनावायरस ने भारत में प्रवेश किया था लोगों ने मास्क और हैंड सैनिटाइजर लेकर घरों में रख लिया। यह इतना बिकने लगा कि इसकी कालाबाजारी तक होने लगी। यहां तक कि सरकार को लोगों को यह बताना पड़ा की मास्क सभी के लिए अनिवार्य नहीं है। सिर्फ वही लोग इस मास्क का उपयोग करें जो कि बीमार है या बीमार लोगों के साथ रह रहे हैं। लेकिन समय बीतने के साथ-साथ लोगों ने मास्क पहनना बंद कर दिया और आज आलम यह है कि काफी लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं। और इसी वजह से अब मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया। यही नहीं यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने भी अपने गमछे को मास्क बनाकर देश को संबोधित किया।

कोरोना
फोटो-गूगल

दूसरा था कि यह वायरस किसको किसको लग सकता है:

शुरुआत में इस वायरस को यह कहा जाता था कि यह सिर्फ बुजुर्गों या उन्हीं लोगों को हो सकता है जो कि किसी बीमारी से पीड़ित चल रहे हैं। लेकिन भारत में संक्रमितों की संख्या ने सबको चौंका दिया। ज़्यादातर संक्रमित व्यक्ति युवा ही हैं। कई सारे लोग ऐसे भी हैं जिन्हें किसी भी तरह की कोई बीमारी नहीं थी। युवाओं की मौत भी हुई है। पहले ये भी कहा जा रहा था कि दस साल से कम उम्र के बच्चों को इस वायरस से किसी तरह का कोई खतरा नहीं है लेकिन, बाद में कई बच्चों की भी इस वायरस से मौत होने की खबर सामने आई।

तीसरी बड़ी बात यह सामने आई थी कि यह वायरस संक्रमित लोगों से ही फैल सकता है:

एक खबर के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग कॉन्ग के मेडिसिन के डीन गैब्रियल लियूंग के बताया है कि कोरोना वायरस के करीब 40 फीसदी मामले ऐसे है, जिनमें ये वायरस उन व्यक्तियों से आया, जिनमें इसके लक्षण नहीं दिख रहे थे। अभी माना जा रहा है कि लक्षण दिखने से 2-3 दिन पहले भी संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण फैल सकता है।

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