अब तेजी से और सटीक ढंग से होगी कोरोना वायरस की जांच
पूरे विश्व में अपना कहर मचा चुके कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके इसके लिए वैज्ञानिक लगातार शोध में जुटे हुए हैं। शोधकर्ता लगातर इस कोशिश में लगे हुए हैं कि किस तरह तेजी से और अधिक मात्रा में कोरोना की जांच की जा सके।
नई पद्धति की खोज
कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ने का कारण ये भी है कि इसकी जांच करने में काफी समय लग रहा है ये जानकर आपको ख़ुशी होगी कि अब वैज्ञानिकों जांच करने की एक नई तकनीकि खोज ली है।
पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया पर आधारित जांच
इससे कोरोना वायरस का तेजी से और सही ढंग से पता लगाया जा सकता है और पॉलीमरेज श्रृंखला अभिक्रिया पर आधारित जांच पर दबाव से कुछ राहत मिल सकती है। इसका इस्तेमाल शुरू किया जा चुका है। इस नई जांच की तकनीकि से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।
पीसीआर आधारित जांच
इस समय कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पीसीआर आधारित जांच की जा रही है। इस जांच में मरीज के मुंह के लार के नमूने की जांच की जाती है, जिससे विषाणु की छोटी-से छोटी मात्रा का भी पता लग सके।
प्लाज्मोनिक फोटोथर्मल सेंसिंग
अब स्विट्जरलैंड में ईटीएच ज्यूरिख के इंस्टीट्यूट ऑफ एनवॉयनमेंटल इंजीनियरिंग के वैज्ञानिकों ने एक नई जांच करने की तकनीकि खोजी है वो है प्लाज्मोनिक फोटोथर्मल सेंसिंग के आधार पर जांच करना। इस तकनीकि से सतह पर अणुओं के बीच संपर्क का पता लगाया जा सकता है।
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