हैंड सैनिटाइजर ऐसे करता है कीटाणुओं का सफाया, ज्यादा यूज भी खतरनाक
कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में अपनी पकड़ बना ली है और यह बहुत तेजी से फैलता जा रहा है। ऐसे में सभी देशों की सरकार ने पुख्ता कदम उठाए हैं। डॉक्टर और विशेषज्ञों ने सभी से अपील की है कि वह अपने आप को साफ सुथरा रखें और अपने आस-पास भी सफाई रखें।
मास्क और हैंड सैनिटाइजर का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें। क्योंकि साबुन का इस्तेमाल हम लोग बार-बार नहीं कर सकते हैं इसीलिए हैंड सैनिटाइजर का उपयोग ज्यादा आवश्यक है। लेकिन आपको क्या लगता है क्या हैंड सेनीटाइजर इतना ज्यादा कारगर है कि वह आपके हाथों को हर समय साफ सुथरा रख सकेगा।
आइए जानते हैं इसके बारे में:
दरअसल हैंड सैनिटाइजर को बनाने में अल्कोहल को इस्तेमाल में लाया जाता है। अल्कोहल की महक को कम करने के लिए इसमें नींबू का रस या लौंग-तेल जैसे सुगंधित तेल को मिलाया जाता है। खुशबू को बढ़ाने के लिए इत्र का छिड़काव भी किया जाता है। इन्हीं सब वजहों से सैनिटाइजर को इस्तेमाल करते वक्त भीनी-भीनी खुशबू आती रहती है।
बेंजाल्कोनियम क्लोराइड एक एंटीसेप्टिक एजेंट है, जो किटाणुओं को खत्म करने का काम करता है। अगर हैंड सैनिटाइजर लगाने के बाद आपके हाथों में थोड़ी सी भी जलन होती है तो समझ जाइए इसके अंदर बेंजाल्कोनियम क्लोराइड मौजूद है।
एक और चीज है जिसका इस्तेमाल हैंड सैनिटाइजर में किया जाता है। इसका नाम है ट्राइक्लोसान। यह केमिकल हाथों की त्वचा को सोखते हुए अंदर तक चला जाता है औक कीटाणुओं को नष्ट कर देता है। लेकिन एक बात का ख्याल रखिएगा । इसके ज्यादा इस्तेमाल से हाथों में ड्राइनेस हो सकती है।
आखरी चीज़ है फैथलेट्स। यह खुशबू को बढ़ाने का काम करता है। इस केमिकल को सैनिटाइजर में महक बढ़ाने के लिए मिलाया जाता है। हालांकि इस केमिकल की मात्रा निर्धारित होनी चाहिए।
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