कोरोना वायरस : लॉकडाउन के बाद भारत सरकार का बड़ा कदम होगा ये…
कोरोना की वजह से गुरुवार को देशभर में कुल 7 लोगों की मौत हो गई हैं। जो किसी एक दिन में होने वाली सबसे ज्यादा मौते थीं। इस तरह से अब तक इस संक्रमण से देश में मरने वालों की संख्या 20 पहुंच गई है।
भारत में 71 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें दिल्ली में चार शामिल हैं। राज्यों की रिपोर्टों के अनुसार, इस प्रकार भारत में कोरोनो वायरस के कुल मामलों की संख्या 700 के पार हो गई, जो 727 है।
इस संक्रमण से अब तक मौतों में बुजुर्गों की संख्या अधिक
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार मौतों की कुल संख्या 16 है, जबकि 88 नए मामलों की सूचना दी गई है। उसके अनुसार, संक्रमित लोगों की संख्या 694 है। इसमें मुंबई की दो महिलाओं की मौतों को जोड़ा नहीं गया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में सोपोर के एक 65 वर्षीय व्यापारी और राजस्थान के भीलवाड़ा निवासी 73 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत की भी खबर है। बता दें कि इस संक्रमण से अब तक मौतों में बुजुर्गों की संख्य अधिक है।
सरकार उठा सकती है लॉक डाउन के बाद कोई ठोस कदम
अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो सरकार लॉक डाउन के बाद कोई ठोस कदम उठा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार लॉकडाउन के बाद खांसी,जुकाम के मरीजों की कोरोना जाँच शुरू करवाएगी ताकि पता चल सके और कितने लोगों में ये संक्रमण अभी तक फैला है। इस काम और तेजी से पूरा करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है की सरकारी प्रयोगशालाओं की संख्या में वृद्धी की जाएगी ताकि समय पर लोगों का इलाज किया जा सके।
दस हजार से ज्यादा नमूनों की जाँच की व्यवस्था
निजी प्रयोगशाला को मंजूरी देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। देश में अभी सरकारी प्रयोगशालाओं में हर दिन दस हजार से ज्यादा नमूनों की जाँच की व्यवस्था है लेकिन वास्तविक टेस्ट इसके अनुमान में काफी कम हो रहा है। एक जानकारी के मुताबिक पिछले दो महीने में करीब 17 हजार टेस्ट हुए है,इस बीच केंद्र सरकार ने टेस्ट की क्षमता बढ़ाने के लिए 10 लाख अतिरिक्त कीट के लिए आर्डर जारी किये है।
रैंडम सैंपलिंग का तरीका
हालांकि इस वाइरस की सबसे बड़ी चुनौती यह है की काफी लोगों में शुरूआत के दिनों में इसके संक्रमण के लक्षण नजर ही नहीं आते है। जबकि वे लोग ही बाकी लोगों से मिल कर इस महामारी को फैला रहे है। ऐसे मामलों के जाँच के लिए सरकार रैंडम सैंपलिंग का तरीका भी अजमा सकती है,ताकि इस प्रकार के मामलों का आकलन किया जा सके।