VIDEO : कोरोना मरीज़ों के बीच फंसा भारत का सॉफ्टवेयर इंजीनियर, घरवालों को Video Call कर बताया दर्द
चीन से जापान के लिए चले पानी के जहाज में कोरोना पीड़ितों के साथ फंसा मेरठ का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कठिन हालातों में समय काट रहा है। युवक का कहना है कि उन्हें खाने पीने का पर्याप्त सामान भी नहीं मिल पा रहा। वहीं युवक के परिजन यहां मेरठ में परेशान हैं। वो वीडियो कॉलिंग कर लगातार उसके संपर्क में बने हुए हैं। वहीं घरवालों का कहना है कि भारत सरकार भी इस मुद्दे पर कोई प्रयास नहीं कर रही।
आपको बता दें कि जापान के बंदरगाह पर हांगकांग से आए प्रिंसेज क्रूज पर 3700 यात्रियों के साथ भारत के भी कुछ नागरिक फंसे हुए हैं। उनमें मेरठ के शास्त्रीनगर निवासी पीयूष वशिष्ठ भी हैं। जहाज को जापान के बंदरगाह पर इसलिए रोका गया है कि हांगकांग से आए जहाज पर सवार हुए 61 चीनी नागरिकों में जानलेवा वायरस कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके बाद एहतियात के तौर पर जापान सरकार ने जहाज को बंदरगाह पर रोककर उस पर सवार सभी सवारियों को उसी में कैद कर दिया है। किसी को भी बाहर आने जाने नहीं दिया जा रहा है। दल में शामिल भारत के सभी छह नागरिकों को पर्याप्त भोजन भी नहीं मिल पा रहा है।
बीते कई दिनों से वह जूस और फलों के सहारे जी रहे हैं। इस संबंध में पीयूष ने भारतीय अधिकारियों को भी ईमेल और मैसेज कर पैक्ड फूड भेजने की मांग की थी। वहीं मेरठ के युवक के जहाज में फंसे होने के कारण यहां घरवाले बदहाल हैं। उन्हें रात दिन अपने बेटे की चिंता सताए जा रही है। वह वीडियो कॉल कर उससे हाल चाल ले रहे हैं। उनके चेहरे पर बेटे की चिंता साफ दिखाई दे रही है। पीयूष के घरवालों ने बताया कि वह उसकी सलामती को लेकर बेचैन हैं। दूनियाभर में फैले कोरोना वायरस के खौफ ने उनके दिलों को भी चिंता से भर दिया है।
ऐसे में जब तक पीयूष सही सलाम वापिस नहीं आ जाता उनका चैन से सोना भी मुश्किल है। पीयूष के चाचा पंकज शर्मा ने बताया कि वह बीते 25 जनवरी को हागंकांग भेजा गया था। 19 फरवरी तक जापान सरकार ने शिप को बंदरगाह पर ही खड़े रहने का आदेश दिया है। वहां उसे खाने पीने की दिक्कत हो रही है। पीयूष ने बताया कि पहले शिप में 61 लोग कोरोना से पीड़ित थे अब तीन लोग और इससे पीड़ित हो गए हैं। जिसके बाद कोरोना पीड़ितों की संख्या 64 तक पहुंच गई है।