जानिए कब लगने वाला है इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण, इसे किन जगहों पर देखा जाएगा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण को अशुभ माना गया है। वर्ष 2019 में पहले ही दो सूर्य ग्रहण लग चुके हैं और इस वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को लगेगा। इस ग्रहण को भारत के केरल राज्य में देखा जा सकेगा। इस सूर्य ग्रहण में सूर्य एक आग की अंगूठी की तरह दिखाई पड़ेगा।
इसे वैज्ञानिक में वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं। वलयाकार सूर्य ग्रहण के अंतर्गत सूर्य का सिर्फ बीच का भाग ही छाया क्षेत्र में आता है और सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित रहता है। यह ग्रहण भारत के साथ साथ पूर्वी यूरोप, एशिया, उत्तरी- पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में भी दिखेगा।
जानिए सूर्य ग्रहण से सम्बंधित कुछ जरूरी बातें
ग्रहण प्रारम्भ काल – 08:17 ए एम (26 दिसंबर 2019)
परमग्रास – 09:31 ए एम तक (26 दिसंबर 2019)
ग्रहण समाप्ति काल – 10:57 ए एम तक (26 दिसंबर 2019)
खण्डग्रास की अवधि – 02 घण्टे 40 मिनट्स 22 सेकण्ड्स
अधिकतम परिमाण – 0.56
सूतक प्रारम्भ – 05:32 पी एम, दिसम्बर 25 से
सूतक समाप्त – 10:57 ए एम (26 दिसंबर)
जानिए क्या होता है सूतक
सूर्य ग्रहण से पहले सूतक का प्रारंभ हो जाता है। सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। मंदिरों के दरवाज़ों को बंद कर दिया जाता है। सूतक के दौरान पूजा-पाठ भी नहीं करना चाहिए। सूतक के दौरान भोजन भी नहीं पकाना चाहिए, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि ग्रहण की किरणों से भोजन अशुद्ध हो सकता है। जहाँ तक हो सके तो इस समय शौच भी नहीं जाना चाहिए।
वर्ष 2019 के पहले के सूर्यग्रहण
वर्ष 2019 का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी को लगा था। दूसरा 2 जुलाई को लगा था। दोनों ही सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिए थे। भारतीय समय के हिसाब से ये ग्रहण रात्रि के वक्त लगे थे।